नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा है कि कृषि क्षेत्र भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि मजबूत ग्रामीण मांग मैन्युफैक्चरिंग और आर्थिक पुनरुद्धार का समर्थन करती है।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, नीति आयोग और अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) ने एक आशय पत्र (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद भारत के विकास उद्देश्यों में योगदान देने वाली नीति और कार्यक्रम ढांचे को मजबूत करना है।
बयान में सुमन बेरी के हवाले से कहा गया है, "भारत के विकास पथ में कृषि एक केंद्रीय भूमिका निभाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक और मिट्टी के अनुकूल प्रथाओं की ओर बदलाव के साथ-साथ कृषि की उत्पादकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "मजबूत ग्रामीण मांग मैन्युफैक्चरिंग और आर्थिक पुनरुद्धार का समर्थन करती है। अगले 25 वर्षों में भारत के परिवर्तन के लिए यह महत्वपूर्ण है।"
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने कहा कि यह आशय पत्र सरकारी थिंक टैंक और आईएफपीआरआई के बीच सहयोगात्मक कार्य को बढ़ावा देगा जो भारत और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक विकास को आकार देने में कृषि की भूमिका में नई अंतर्दृष्टि उत्पन्न कर सकता है।
बयान के मुताबिक, एसओआई गतिविधियों में ग्रामीण परिवर्तन संकेतकों को विकसित करना और उन पर नज़र रखना, प्रमुख कार्यक्रमों के डिजाइन और मूल्यांकन का समर्थन करना, नीति विश्लेषणात्मक उपकरण प्रदान करना और क्षेत्रीय और वैश्विक संदर्भों में भारत के कृषि-खाद्य व्यापार पर साक्ष्य तैयार करना शामिल है।
बयान में कहा गया है कि आईएफपीआरआई खाद्य प्रणाली परिवर्तन के व्यापक दायरे में पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में नीति आयोग को नीति विश्लेषण और समर्थन प्रदान करेगा। साथ ही शुरुआत में भारत में कृषि, ग्रामीण विकास, व्यापार और जलवायु परिवर्तन नीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।