योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने भी उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव हार गए थे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलावा 50 और मंत्रियों ने शपथ ली
शपथ ग्रहण समारोह भव्य स्तर पर आयोजित किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अनेक केंद्रीय मंत्री और नेता मौजूद थे। इससे पहले गुरुवार को योगी आदित्यनाथ को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नई सरकार उत्तर प्रदेश में विकास के नए अध्याय लिखेगी और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। योगी को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पहले 5 वर्षों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने विकास के कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और भाजपा के गठबंधन वाले राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे।
सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य और आईएएस से नेता बने ए के शर्मा ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। अपना दल सोनेलाल के आशीष पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद को भी कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले जितिन प्रसाद को भी योगी कैबिनेट में जगह मिली है। योगी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी हैं जिन्हें राज्य मंत्री बनाया गया है। आईपीएस से नेता बने असीम अरुण, दयाशंकर सिंह, नितिन अग्रवाल और कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री बनाया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ के गोमती नगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में आयोजित किया गया जिसकी क्षमता 50000 लोगों की है। आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं जो 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता में आए। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी 1985 के बाद पहली पार्टी है जिसने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है।
प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव के मतदान होने के बाद 10 मार्च को नतीजे घोषित किए गए थे। 403 सीटों वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को 273 सीटें मिली। इनमें से भाजपा को मिलने वाली सीटों की संख्या 255 है। इसके सहयोगी दल निषाद पार्टी और अपना दल सोनेलाल को 18 सीटें मिलीं।