हर तरह के दूध कैन और कार्टन बॉक्स पर 12% जीएसटी, जानिए काउंसिल ने और क्या फैसले लिए

जीएसटी काउंसिल ने स्प्रिंकलर और हर तरह के सोलर कुकर पर भी 12% टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। काउंसिल ने केमिकल और फर्टिलाइजर पर स्थाई समिति की उस सिफारिश पर भी चर्चा की जिसमें फर्टिलाइजर बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल पर टैक्स की दर घटाने की बात कही गई थी। हालांकि इस पर कोई निर्णय नहीं लिया

दूध के हर तरह के कैन पर 12% जीएसटी लगेगा, चाहे वह कैन स्टील का बना हो या एल्युमिनियम का। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में यह फैसला किया गया। फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सभी तरह के कार्टन बॉक्स पर भी 12% जीएसटी लगेगा चाहे वह कोरूगेटेड बॉक्स हो या नॉन कोरूगेटेड। इन पर अभी 18% जीएसटी लगता है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से हिमाचल और जम्मू कश्मीर के सेब उत्पादकों को फायदा होगा।

जीएसटी काउंसिल ने स्प्रिंकलर और हर तरह के सोलर कुकर पर भी 12% टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। काउंसिल ने केमिकल और फर्टिलाइजर पर स्थाई समिति की उस सिफारिश पर भी चर्चा की जिसमें फर्टिलाइजर बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल पर टैक्स की दर घटाने की बात कही गई थी। हालांकि इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। समिति ने फरवरी में यह सिफारिश की थी। अभी उर्वरकों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि उर्वरक बनाने में इस्तेमाल होने वाले सल्फ्यूरिक एसिड तथा अमोनिया जैसे रसायनों पर 18% टैक्स है।

जीएसटी काउंसिल के अन्य फैसले

अन्य महत्वपूर्ण फैसले में जीएसटी इनपुट लेने में धोखाधड़ी रोकने के लिए उसके बायोमैट्रिक आधार ऑथेंटिकेशन का निर्णय लिया गया है। रेलवे की विभिन्न सेवाओं जैसे प्लेटफॉर्म टिकट, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, प्लेटफार्म पर चलने वाली बैटरी कार आदि पर जीएसटी खत्म करने का फैसला किया गया है। वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान टैक्स डिमांड नोटिस पर पेनल्टी और ब्याज नहीं लेने का भी निर्णय लिया गया है। लेकिन शर्त यह है कि टैक्स की रकम मार्च 2025 तक जमा करनी पड़ेगी। प्रति व्यक्ति 20000 रुपये प्रतिमाह हॉस्टल चार्ज को भी जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। बशर्ते आवास सेवा न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए आपूर्ति की गई हो।

विभिन्न अदालतों में जीएसटी से संबंधित मुकदमे दर्ज करने के लिए रकम की सीमा में भी संशोधन किया गया है। 20 लाख रुपए की डिमांड होने पर टैक्स विभाग जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दायर करेगा। हाई कोर्ट के लिए कम से कम एक करोड़ रुपए और सुप्रीम कोर्ट के लिए कम से कम 2 करोड़ रुपए की सीमा तय की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि बजट पेश होने के बाद जीएसटी काउंसिल की फिर बैठक होगी।