बजट में किसानों को क्या मिला? जानिए कृषि क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख घोषणाएं

कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती करने में मदद दी जाएगी।

वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को सरकार की प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों में गिनाते हुए कई घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास के लिए देश में कृषि अनुसंधान ढांचे की व्यापक समीक्षा करेगी। चैलेंज मोड में कृषि अनुसंधान के लिए प्राइवेट संस्थानों को भी फंडिंग दी जाएगी। सरकार और बाहर दोनों जगह के डोमेन विशेषज्ञ इस तरह के शोध के संचालन की निगरानी करेंगे।

चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1.32 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है जो गत वर्ष 1.25 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार कृषि मंत्रालय के बजट में 5.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

32 फसलों की 109 नई किस्में 

वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल किसानों के लिए 32 फसलों की 109 नई किस्में जारी की जाएंगी जो ज्यादा उपज और मौसम के बदलाव सहन करने में सक्षम होंगी।  

प्राकृतिक खेती पर जोर 

कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए कुल 1.52 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती शुरू करने में मदद दी जाएगी। इस पहल को वैज्ञानिक संस्थानों और ग्राम पंचायतों के माध्यम से धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 

मिशन दलहन व तिलहन

दालों और तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने दलहन व तिलहन मिशन शुरू करने का ऐलान किया है। सरकार दालों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करेगी। सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख शहरों के नजदीक वेजिटेबल क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। सब्जियों की सप्लाई, स्टोरेज और मार्केटिंग में सरकार एफपीओ, कोऑपरेटिव और स्टार्टअप की मदद लेगी। 

डीपीआई फॉर एग्रीकल्चर

आम बजट में वित्त मंत्री ने एग्रीकल्चर के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का ऐलान किया है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगी। अगले तीन साल में देश के 400 जिलों में 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के रिकॉर्ड दर्ज किए जाएंगे। डीपीआई फॉर एग्रीकल्चर के तहत फार्मर एंड लैंड रजिस्ट्री की शुरुआत की जा रही है। इस साल देश के 400 जिले में खरीफ फसलों के लिए डीपीआई का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा। पांच राज्यों में जन समर्थ ऐप आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

जमीनों का बनेगा भू-आधार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को उपयुक्त राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

बजट में वित्त मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार संबंधी कई कदमों का ऐलान भी किया है। इनमें सभी भूमियों के लिए विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार का आवंटन, संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, मानचित्र उप-विभाजनों का सर्वेक्षण, भूमि रजिस्ट्री की स्थापना और किसान रजिस्ट्री से जोड़ना शामिल होगा। इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाओं में भी सुविधा होगी।

राष्ट्रीय सहकारिता नीति

सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार राष्ट्रीय सहकारिता नीति लाएगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन नीतिगत लक्ष्य होगा। सरकार झींगा पालन और विपणन के लिए वित्त उपलब्ध कराएगी। 

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान

आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करेगी। इसमें 63,000 गांव कवर होंगे और 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ मिलेगा।