लोकसभा चुनाव 2024: देशभर में आज सुबह से ही लोकसभा चुनाव की मतगणना जारी है। इस बीच एक सीट पर 'नोटा' को रिकॉर्ड तोड़ वोट पड़े हैं। मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर 'नोटा' ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यहां 'नोटा' को दोपहर बाद 5 बजे तक 2,18,674 वोट मिल चुके हैं। इसके साथ ही 'नोटा' (इंदौर में नोटा को पड़े वोट) ने बिहार की गोपालगंज सीट का पिछला तोड़ दिया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में गोपालगंज सीट पर 'नोटा' को 90,257 वोट पड़े थे। जबकि, मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर 'नोटा' को 2 लाख से ज्यादा वोट मिल चुके हैं।
इंदौर सीट से भाजपा प्रत्यासी आगे
इंदौर सीट की बात करें तो यहां से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार संजय सोलंकी से 10 लाख से ज्यादा वोटों से आगे हैं। दोपहर बाद 5 बजे तक की मतगणना के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी को अब तक 12,26,751 वोट मिले हैं। जबकि, बीएपी उम्मीदवार संजय सोलंकी को 51,659 वोट मिले हैं। इस बड़े अंतर के साथ बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी अपनी रिकॉर्ड जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस लिया था नामांकन
इंदौर सीट की रोचक बात यह है इस सीट पर चुनाव से पहले ही कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया था और भाजपा में शामिल में गये थे। दरअसल, कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था। जिसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से ये अपील की थी की वे अपना वोट 'नोटा' को डालें।
क्या होता है नोटा?
नोटा (NOTA) का मतलब है 'नन ऑफ द एबव'। जिसका अर्थ है 'इनमें से कोई नहीं' यानी मतदाता किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं करता है। नोटा का बटन दबाने का मतलब है कि मतदाता किसी भी प्रत्याशी को नहीं चाहता है। नोटा का विकल्प इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में मौजूद होता है और मतदाता नोटा का बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज करा सकता है। नोटा के तहत, मतदाता का वोट भी गिना जाता ह, और इसका प्रतिशत भी निकाला जाता है।