प्रचंड गर्मी और लू को देखते हुए आईएआरआई ने जारी की एडवाइजरी

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्‍ली के कृषि भौतिकी संभाग के ओर से दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की गई है

उत्तर भारत के इलाके प्रचंड गर्मी और लू की मार झेल रहे हैं। इसका असर जनजीवन के साथ-साथ खेती-किसानों से जुड़े कामों पर भी पड़ रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा संस्थान) के वैज्ञानिकों ने आगामी 5 जून तक के लिए यह मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की है। 

  • आने वाले दिनों में लू (गर्म हवा) की संभावना को ध्यान में रखते हुए सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों तथा फलों के बगीचों में हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करें। सब्जी नर्सरी को लू से बचाव के लिए दिन के समय ढककर रखें।
  • ग्रीष्मकाल हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं। सनई की बीज दर 60-70 और ढैंचा की 50-60 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर है। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। 
  • ग्वार, मक्का, बाजरा आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। बीजों को 3-4 से.मी. गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 से.मी. रखें।
  • किसान अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। 
  • तापमान को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम को करें तथा इसके बाद इसे छायादार स्थान में रखें।
  • भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद यूरिया @ 5-10 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से डाले तथा माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक कीट पाये जाने पर ईथियाँन @1.5-2 मि.ली./लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। 
  • बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड़ कीटनाशी 48 ई.सी. @ 1 मि.ली./4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
  • इस मौसम में बेलवाली फसलों व सब्जियों में न्यूनतम नमी बनाएं रखें अन्यथा मृदा में कम नमी होने से परागण पर असर हो सकता है जिससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है। इस मौसम में सब्जियों की फसल में हल्की सिंचाई कम अंतराल पर करें।
  • इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहाँ संभव हो अपने खेत का समतलनीकरण करवाएं।

    यह सलाह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्‍ली के कृषि भौतिकी संभाग के ओर से दिल्ली और इसके आस-पास के गांवों के लिए जारी की गई है। यह मौसम विज्ञान विभाग, आईसीएआर और आईएआरआई की सामूहिक पहल है जिसके तहत हर सप्ताह मौसम आधारित कृषि सलाह दी जाती है।