बेसन, घी और केला समेत 16 और वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखेगी केंद्र सरकार

केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग ने मूल्य निगरानी प्रणाली में 16 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल किया है। इन वस्तुओं में बाजरा, ज्वार, रागी, सूजी (गेहूं), मैदा (गेहूं), बेसन, घी, मक्खन, बैंगन, अंडा, काली मिर्च, धनिया, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी पाउडर और केला शामिल हैं। 

भारत सरकार अब दैनिक जरूरत की 22 वस्तुओं की बजाय 38 वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखेगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग ने मूल्य निगरानी प्रणाली (पीएमएस) में 16 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल किया है। इन वस्तुओं में बाजरा, ज्वार, रागी, सूजी (गेहूं), मैदा (गेहूं), बेसन, घी, मक्खन, बैंगन, अंडा, काली मिर्च, धनिया, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी पाउडर और केला शामिल हैं। 

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद वेंकटेश जोशी ने आज नई दिल्ली में मूल्य निगरानी प्रणाली (पीएमएस) मोबाइल ऐप के 4.0 संस्करण का शुभांरभ करते हुए कहा कि उपभोक्ता मामले विभाग ने 1 अगस्त, 2024 से मूल्य निगरानी के अंतर्गत 16 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल किया है। विभाग 34 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 550 केंद्रों से दैनिक कीमतों की निगरानी करता है। 

अभी तक दैनिक मूल्यों की निगरानी के तहत 22 वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखी जाती थी। नई वस्तुओं को शामिल करने के साथ, मूल्य निगरानी के तहत वस्तुओं की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। यह डेटा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति के संबंध में सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और विश्लेषकों द्वारा किए गए नीतिगत निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करता है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, "अब मूल्य निगरानी में शामिल 38 वस्तुएं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में लगभग 31 प्रतिशत वजन रखती है जबकि 22 वस्तुओं का सीपीआई भार 26.5 प्रतिशत था।" विभाग का कहना है कि दैनिक मूल्य निगरानी के तहत खाद्य वस्तुओं के कवरेज में वृद्धि खाद्य वस्तुओं में मूल्य अस्थिरता को रोकने और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

भारत सरकार ने हाल ही में खाद्य पदार्थों की महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए तुअर, उड़द, मसूर, पीली मटर और देसी चना सहित दालों के शून्य शुल्क पर आयात की अनुमति दी गई है। कम उत्पादन वाले महीनों के दौरान जारी करने के लिए 5 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया जा रहा है।

राज्य सीधे एफसीआई से खरीद सकेंग चावल

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि अनाज की कमी वाले राज्य 1 अगस्त, 2024 से ई-नीलामी में भाग लिए बिना ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से सीधे खरीद कर सकते हैं। नए खरीद सीजन की शुरुआत से पहले बकाया  स्टॉक को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

ओएमएसएस के तहत, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग सीधे राज्यों को 2,800 रुपये प्रति क्विंटल (परिवहन की लागत को छोड़कर) की दर से चावल देगा। जोशी ने कहा कि यदि राज्य प्रति व्यक्ति निर्धारित 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज से अधिक खरीदना चाहते हैं, तो वे 2,900 रुपये प्रति क्विंटल के बजाय 2,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत’ ब्रांड के तहत आटा और चावल की बिक्री जो 30 जून, 2024 तक चलने वाली थी, वो जारी रहेगी।