उत्तराखंड के हरिद्वार में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर चल रहा है। आज शिविर के दूसरे दिन संगठन के विस्तार और किसान आंदोलन की भावी रणनीति को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
कई राज्यों से आए किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संगठन की मजबूती ही इस देश को बचाएगी। जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा। सरकार को किसानों की मांगें और मुद्दे याद दिलाने के लिए भाकियू की तरफ से एक स्मरण पत्र भी जारी किया गया।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की समस्याओं के निदान के लिए व्यापक रणनीति और 100 दिन का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। 100 दिन के एजेंडे की घोषणा मंगलवार को चिंतन शिविर के समापन के दिन की जाएगी। राकेश टिकैत ने कहा कि अब देश में मोदी की नहीं बल्कि गठबंधन की सरकार है। नई सरकार से किसानों की समस्याओं के समाधन के लिए बातचीत की जाएगी। इनमें किसानों की उपज के सही दाम सहित कई मुद्दे शामिल हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पदाधिकारियों का दायित्व बनता है कि आप सभी मिलकर गांव-गांव में संगठन को मजबूत करने का कार्य करें। चिंतन शिविर में आज अध्यक्षता बलराम लंबरदार व मंच का संचालन ओमपाल मलिक ने किया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा जी सहित खापों के चौधरी व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
भाकियू के चिंतन शिविर में उत्तराखंड से बढ़ते पलायन, प्रदेश में सूखे की स्थिति और पर्वतीय किसानों की चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। भाकियू की ओर से हर साल हरिद्वार में चिंतन शिविर का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से किसान, मजदूर और आदिवासी प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं।