भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ बैठक में कृषि क्षेत्र और चावल निर्यातकों की सामने आने समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। कुछ मुद्दों पर दोनो देशों के बीच सहमति भी बन गई है। भारत-यूएई परिषद के अध्यक्ष और भारत-यूएई संयुक्त कार्यबल के सदस्य एस. विक्रमजीत सिंह ने संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जयादी से मुलकात की। उनके साथ बैठक के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की।
विक्रमजीत सिंह ने कहा कि यूएई के साथ समझौतों से द्विपक्षीय व्यापार नई ऊंचाईयों को छू रहा है। उन्होंने खाड़ी देशों में भारतीय कृषि निर्यातकों के सामने आने वाले मुद्दों को भी हल करने की जरूरत पर जोर दिया।
विक्रमजीत सिंह ने बताया कि व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईपीए) और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के संदर्भों के तहत दोनों देशों के बीच वार्ता हुई। जिसमें भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार के संबंध में दोनों पक्षों के बीच प्रमुख चर्चा हुई।
विक्रमजीत सिंह ने कहा कि भारतीय निर्यातकों द्वारा कीटनाशकों की उपस्थिति के लिए चावल को अस्वीकार करने का मुद्दा उठाया गया। उन्होंने दोनों देशों के लिए स्वीकार्य मानकों और लैब की स्थापना और फार्मा उत्पादों की शीघ्र स्वीकृति पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात मंत्री से स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत स्वामित्व के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा को कम करने का भी अनुरोध किया जो वर्तमान में 10 करोड़ दिहरम है।
विक्रमजीत सिंह ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री से संयुक्त उपक्रमों के कामकाज को कारगर बनाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात-भारत द्विपक्षीय निवेश संधि को जल्द पूरा करने के लिए अनुरोध किया। यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री ने भारत के साथ व्यापार की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही भारत में निवेश करने का वादा किया।
विक्रमजीत सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में राज्य और संयुक्त अरब अमीरात के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने पंजाब के बुनियादी ढांचे, बासमती निर्यात, कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश पर चर्चा की।