ब्लैक सी यानी काला सागर क्षेत्र में सुरक्षित निर्यात को लेकर बढ़ी चिंता और आर्थिक प्रतिबंधों के दबाव के बावजूद रूस से अनाज निर्यात रिकॉर्ड स्तर के करीब है। वर्ल्ड ग्रेन ने अपने अक्टूबर माह के अंक में बताया है कि 1 अगस्त से 27 अगस्त तक रूस ने 64 लाख टन अनाज का निर्यात किया है। यह एक साल पहले की तुलना में 27 प्रतिशत ज्यादा है। रशियन ग्रेन यूनियन के हवाले से इसने लिखा है कि इसमें गेहूं का निर्यात 29 प्रतिशत बढ़कर 53 लाख टन, जौ का 15% बढ़कर 9.1 लाख टन और मक्के का 60% बढ़कर 1.66 लाख टन पहुंच गया है। रूस ने 17 जुलाई को ब्लैक सी ग्रीन इनीशिएटिव को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद मध्य पूर्व, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका से उसके अनाज की मांग काफी बढ़ गई है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में निर्यात का भूगोल काफी बदला है। उदाहरण के लिए रूस से अनाज खरीदने में दूसरे स्थान पर रहने वाले अल्जीरिया ने आयात की मात्रा 6 गुना बढ़ाकर 5.18 लाख टन कर दी है। अफ्रीका में केन्या ने रूस से अनाज का आयात 9 गुना बढ़ा दिया है। उसने 3.2 लाख टन अनाज का आयात रूस से किया है। सूडान का आयात 150 प्रतिशत बढ़कर 1.8 लाख टन हो गया है। लैटिन अमेरिका को भी रूस से अनाज का निर्यात बढ़ा है। अगस्त 2023 में रूस ने ब्राजील को 2.24 लाख टन, मेक्सिको को 1.25 लाख टन, वेनेजुएला को 59 हजार टन और पेरू को 55000 टन अनाज का निर्यात किया। लैटिन अमेरिका के इन देशों ने अगस्त 2022 में रूस से अनाज का कोई आयात नहीं किया था।
दक्षिण पूर्व एशिया में भी रूस के अनाज की मांग बढ़ी है। अगस्त 2023 में रूस से बांग्लादेश को अनाज निर्यात 47 गुना बढ़कर 2.63 लाख टन हो गया। इंडोनेशिया ने अगस्त 22 में रूस से बहुत थोड़ी मात्रा मे अनाज खरीदा था, लेकिन इस वर्ष अगस्त में उसने 1.33 लाख टन की खरीद की है। मांग बढ़ने से रूस के अनाज की कीमतें भी बढ़ी हैं। वर्ल्ड ग्रेन के अनुसार अगस्त 2023 में रूस से औसतन 250 डॉलर प्रतिटन के भाव पर अनाज का निर्यात किया गया।
स्रोतः वर्ल्ड ग्रेन, अक्टूबर 2023
रूसी निर्यातक ब्लैक सी इनीशिएटिव खत्म होने से खुश
रूस के अनाज उद्योग ने ब्लैक सी ग्रीन इनीशिएटिव खत्म होने का स्वागत किया है। उसका कहना है कि इसकी वजह से उन्हें डिस्काउंट पर निर्यात करना पड़ रहा था, जिससे निर्यातकों को नुकसान हो रहा था। यह डिस्काउंट आमतौर पर 10 से 20 डॉलर प्रतिटन होता था लेकिन यह बीच में 70 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गया था। एक कारोबारी के हवाले से वर्ल्ड ग्रेन ने लिखा है, “हमने विश्व अनाज बाजार में 2002 में प्रवेश किया। इस तरह के डिस्काउंट से मुक्ति पाने के लिए हम 10 वर्षों तक लड़ते रहे। तब हमें ग्लोबल औसत कीमत की तुलना में 10 डॉलर का डिस्काउंट देना पड़ता था।” पिछले साल रूस ने लगभग 90% अनाज का निर्यात ब्लैक सी ग्रीन इनिशिएटिव के तहत किया था।
हालांकि ब्लैक सी ग्रीन इनीशिएटिव खत्म होने से रूसी अनाज निर्यातकों के लिए ढुलाई और बीमा का खर्च बढ़ गया है, क्योंकि जहाजों पर ड्रोन से हमले का खतरा है। रूस को निर्यात के लिए पश्चिमी देशों से जहाज भी नहीं मिल रहे हैं। अब वह अपने पुराने जहाजों के जरिए निर्यात कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी जहाजों की गैर मौजूदगी में रूस को 60000 टन क्षमता वाले 34 जहाजों और 40000 टन क्षमता वाले 27 जहाजों की जरूरत पड़ेगी। रूस के शिपयार्ड में नए जहाजों का निर्माण भी चल रहा है, लेकिन उनसे तत्काल समस्या का समाधान नहीं होगा।