मई 2024 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सभी प्रमुख अनाजों की कीमतों में उछाल देखने को मिला। प्रमुख उत्पादक देशों में फसल की परिस्थितियां प्रतिकूल होने की चिंता के कारण गेहूं के निर्यात मूल्यों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। विभिन्न कारणों से मक्का के निर्यात मूल्यों में भी उछाल आया। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने अपने जून 2024 के खाद्य मूल्य निगरानी और विश्लेषण (फूड प्राइस मॉनिटरिंग एनालिसिस) बुलेटिन में दी है। एफएओ ऑल राइस प्राइस इंडेक्स में भी मई में वृद्धि हुई। यह वृद्धि मुख्य रूप से इंडिका चावल के दामों में वृद्धि के कारण हुई।
एफएओ की निगरानी वाले कई देशों में अप्रैल और मई में घरेलू बाजार में प्रमुख खाद्य पदार्थों के दाम भी ऊंचे बने रहे। प्रतिकूल मौसम की घटनाओं, आपूर्ति शृंखलाओं में युद्ध के कारण होने वाले व्यवधानों और अन्य आर्थिक कठिनाइयों के कारण खाद्य वितरण की लागत में भी इजाफा देखने को मिला।
भारतः रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में चावल का राष्ट्रीय औसत खुदरा मूल्य मई में महीने-दर-महीने आधार पर लगभग अपरिवर्तित रहा। लेकिन पिछले साल के स्तर से तुलना करें तो इसमें वृद्धि हुई। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार की तरफ से होने वाली बड़ी खरीद ने बाजार में आने वाली उपज को सीमित कर दिया। मई में गेहूं का राष्ट्रीय औसत खुदरा मूल्य स्थिर रहा। इसमें भी नई फसल आने के बावजूद सरकारी खरीद के कारण दाम बढ़े। सरकार ने इस वर्ष रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है।
चीन में इंडिका और जैपोनिका चावल किस्मों का थोक राष्ट्रीय औसत मूल्य पिछले महीने स्थिर रहा। यह पिछले साल के स्तर के भी करीब था। यहां 2023 की उपज की बाजार में पर्याप्त उपलब्धता है और जून से कटाई की जाने वाली फसल भी औसत से बेहतर होने की उम्मीद है। मई में गेहूं की थोक कीमतों में गिरावट आई। इसमें भी 2023 की उपज की बाजार में पर्याप्त उपलब्धता है और मई के अंत में शुरू होने वाली 2024 की फसल के लिए बेहतर संभावनाएं हैं।
रूस में प्रतिकूल फसल परिस्थितियों के कारण बीते माह निर्यात के लिए गेहूं का दाम बढ़ना जारी रहा। हालांकि लगातार दो वर्षों में अच्छी फसल के कारण यह पिछले साल की तुलना में 11 प्रतिशत कम रहा। यूक्रेन में मिलिंग गेहूं (एफओबी) के निर्यात मूल्य मई में लगातार दूसरे महीने बढ़े। यहां मांग की तुलना में आपूर्ति कम रही। कजाकिस्तान में, 2024 के लिए बेहतर फसल अनुमान और कम व्यापारिक गतिविधि के कारण मई में गेहूं का निर्यात मूल्य लगातार पांचवें महीने स्थिर रहा।