वनस्पति तेलों के कारण एफएओ खाद्य मूल्य सूचकांक अक्टूबर में डेढ़ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का खाद्य मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 18 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से वनस्पति तेलों के दाम बढ़ने के कारण हुई है। अक्टूबर में यह सूचकांक 127.4 अंक पर रहा, जो सितंबर से 2.0 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक है। हालांकि यह मार्च 2022 के उच्चतम स्तर से अब भी 20.5 प्रतिशत नीचे बना हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का खाद्य मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 18 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से वनस्पति तेलों के दाम बढ़ने के कारण हुई है। अक्टूबर में यह सूचकांक 127.4 अंक पर रहा, जो सितंबर से 2.0 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक है। हालांकि यह मार्च 2022 के उच्चतम स्तर से अब भी 20.5 प्रतिशत नीचे बना हुआ है।

एफएओ का वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 7.3 प्रतिशत बढ़ा, जिससे यह दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। पाम, सोया, सूरजमुखी और रेपसीड तेल की बढ़ती कीमतों के कारण यह वृद्धि हुई। इन वनस्पति तेलों के उत्पादन को लेकर चिंता बनी हुई है।

गेहूं और मक्का के दाम बढ़े, चावल में नरमी
एफएओ के अनाज मूल्य सूचकांक में अक्टूबर में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गेहूं और मक्का के निर्यात मूल्य में वृद्धि इसका प्रमुख कारण है। उत्तरी गोलार्ध के बड़े निर्यातक देशों में प्रतिकूल मौसम, रूस में अनधिकारिक स्तर पर न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू करने और काला सागर क्षेत्र में बढ़ते तनाव ने वैश्विक गेहूं कीमतों को प्रभावित किया। 

वैश्विक मक्का कीमतों में भी वृद्धि हुई, जिसका कारण ब्राजील में मजबूत घरेलू मांग और नदियों में जलस्तर कम होने से ढुलाई की चुनौतियां रहीं। हालांकि चावल मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 5.6 प्रतिशत गिरा है। इसका कारण गैर-टूटे चावल पर भारत के निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने के बाद निर्यातकों के बीच प्रतिस्पर्धा रही।

ब्राजील में उत्पादन को लेकर चिंता के कारण FAO चीनी मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 2.6 प्रतिशत बढ़ा। गन्ने का इथेनॉल उत्पादन में इस्तेमाल बढ़ने से भी चीनी की कीमतों को बढ़ावा मिला। एफएओ डेयरी मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 1.9 प्रतिशत बढ़ गया और यह अभी पिछले साल की तुलना में 21.4 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पनीर और मक्खन की ऊंची कीमतों के कारण हुई। दूध पाउडर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

चावल और गेहूं उत्पादन में वृद्धि, मक्का उत्पादन में गिरावट के आसार
एफएओ की नई अनाज आपूर्ति और मांग रिपोर्ट के अनुसार 2024 में वैश्विक अनाज उत्पादन 0.4 प्रतिशत घटकर 284.8 करोड़ टन रहने का अनुमान है। एशिया में रकबा बढ़ने और अनुकूल मौसम के कारण वैश्विक गेहूं उत्पादन में वृद्धि की संभावना है। एशिया में बढ़ा उत्पादन यूरोप के कुछ प्रमुख उत्पादकों में बड़ी गिरावट को संतुलित करेगा। मक्का उत्पादन में गिरावट के चलते वैश्विक मोटा अनाज उत्पादन 2023 के रिकॉर्ड स्तर से कम रहने का अनुमान है। वैश्विक चावल उत्पादन 2024/25 में 53.89 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकता है। इस वर्ष धान की रोपाई भी रिकॉर्ड हुई है।

2024/25 में वैश्विक अनाज उपयोग में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। मुख्य रूप से चावल और गेहूं की खाद्य बढ़ेगी। वैश्विक अनाज भंडार में भी 0.6 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है, जिससे भंडार 88.9 करोड़ टन का होगा। इसमें अधिकांश वृद्धि चावल के भंडार में होगी। 

अंतरराष्ट्रीय अनाज व्यापार 48.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो 2023/24 स्तर से 3.9 प्रतिशत कम होगा। चावल का वैश्विक व्यापार बढ़ने की संभावना है, जबकि गेहूं और मोटा अनाज के व्यापार में गिरावट आ सकती है।