वर्ष 2023 के दौरान खाद्य पदार्थों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी देखने को मिली है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार पूरे साल का फूड प्राइस इंडेक्स वर्ष 2022 की तुलना में 13.7 फीसदी नीचे रहा। सिर्फ दिसंबर महीने की बात करें तो फूड प्राइस इंडेक्स नवंबर की तुलना में 1.5 फीसदी और दिसंबर 2022 की तुलना में 10.1 फीसदी नीचे आ गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले महीने चीनी की कीमतों में तेज गिरावट आई, हालांकि पूरे साल का औसत देखें तो चीनी के दाम पिछले साल से अधिक रहे हैं।
एफएओ का अनाज का प्राइस इंडेक्स नवंबर की तुलना में 1.5 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान गेहूं, मक्का, चावल और जौ के दाम में वृद्धि हुई। यह बढ़ोतरी प्रमुख निर्यातक देशों में लॉजिस्टिक्स की समस्या के कारण आई है। पूरे साल का अनाज का प्राइस इंडेक्स पिछले साल की तुलना में 15.4 फीसदी नीचे रहा। हालांकि इसमें भी सिर्फ चावल का प्राइस इंडेक्स 21 फीसदी ज्यादा रहा है। चावल उत्पादन पर अल नीनो के प्रभाव तथा निर्यात पर भारत के अंकुश लगाने की वजह से ऐसा हुआ है।
एफएओ का वनस्पति तेलों का प्राइस इंडेक्स नवंबर की तुलना में पिछले महीने 1.4 फीसदी कम रहा। पाम, सोया, रेपसीड और सनफ्लावर की खरीद कम हुई है, खासकर बायोडीजल सेक्टर की तरफ से। इसके अलावा ब्राजील के प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की परिस्थितियों में सुधार भी हुआ है। पूरे साल का औसत देखें तो 2023 में वनस्पति तेलों का प्राइस इंडेक्स पिछले वर्ष की तुलना में 32.7 फीसदी नीचे रहा।
नवंबर की तुलना में चीनी का प्राइस इंडेक्स 16.6 फीसदी नीचे आ गया और यह 9 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। हालांकि दिसंबर 2022 से तुलना करें तो दाम 14.9 फीसदी ऊपर थे। ब्राजील में उत्पादन की परिस्थितियों में सुधार और भारत में एथेनॉल उत्पादन में गन्ने का इस्तेमाल कम किए जाने के कारण कीमतों में यह गिरावट आई है।
डेयरी प्राइस इंडेक्स नवंबर की तुलना में दिसंबर में 1.6 फीसदी बढ़ गया। हालांकि दिसंबर 2022 की तुलना में इंडेक्स अभी 16.1 फीसदी नीचे है। मासिक आधार पर यह बढ़ोतरी पश्चिमी यूरोप में त्योहारों से पहले बटर तथा चीज की डिमांड बढ़ने के कारण आई। वैश्विक बाजार में दूध पाउडर की मांग में भी वृद्धि हुई है।