दक्षिण अमेरिका में गेहूं की एक नई सूखा प्रतिरोधी किस्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। अर्जेंटीना की कंपनी बायोसेरेस ने सूरजमुखी से प्राप्त जीन का उपयोग करके गेहूं की एचबी4 (HB4) किस्म विकसित की है, जिसकी अर्जेंटीना और ब्राजील में खेती की जा रही है। वर्ल्ड ग्रेन पत्रिका ने अगस्त 2024 के अपने नवीनतम अंक में इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। ब्राजील और अर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका के प्रमुख अनाज और तिलहन उत्पादक देश हैं। अमेरिका के बाद ये दुनिया में बायोटेक फसल किस्मों के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े उत्पादक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोसेरेस द्वारा विकसित एचबी4 किस्म सूखा प्रतिरोधी है। हालांकि, अर्जेंटीना में मंजूरी ने कई किसान संगठनों और निर्यातकों के बीच चिंता पैदा कर दी, क्योंकि वे समझते हैं कि इससे अर्जेंटीना के गेहूं के निर्यात को झटका लग सकता है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए, अर्जेंटीना की सरकार ने राष्ट्रीय बीज संस्थान (INASE) के तहत एक ऑडिट आयोग बनाया। जांच के बाद अधिकारियों ने माना कि एचबी4 गेहूं से बने आटे को दी गई जैव सुरक्षा स्वीकृति रेगुलेटरी जरूरतें पूरी करती है। अर्जेंटीना में मई 2022 में एचबी4 बीज के व्यावसायीकरण के लिए पूर्ण स्वीकृति प्रदान की गई। ब्राजील में इस किस्म को मार्च 2023 में खेती के लिए स्वीकृति मिली।
रिपोर्ट के अनुसार, बायोसेरेस में वैश्विक बीज और ट्रेट बिजनेस के मैनेजर मार्टिन मारियानी ने कहा, "अर्जेंटीना और ब्राजील में लगाए जा रहे एचबी4 गेहूं को हम पारंपरिक गेहूं के रिप्लेसमेंट के रूप में नहीं बल्कि एक बीमा पॉलिसी की तरह देखते हैं। क्योंकि यह पारंपरिक गेहूं उत्पादन वाले उन क्षेत्रों में उत्पादन को स्थिर कर सकता है जो लंबे समय तक और अधिक नियमित रूप से सूखे की घटनाओं का सामना कर रहे हैं। इनमें अर्जेंटीना के पम्पास के मध्य और दक्षिणी उत्पादक क्षेत्र (जो अर्जेंटीना में गेहूं उत्पादन का 95% से अधिक योगदान देते हैं) और ब्राजील के दक्षिणी राज्य (ब्राजील के गेहूं उत्पादन क्षेत्र का 90%) शामिल हैं। इन दोनों ने हाल में अपने सबसे खराब, सबसे लंबे समय तक सूखे का सामना किया है।"
मारियानी ने कहा, "2022-23 के मौसम में अर्जेंटीना में कुल 59 लाख हेक्टेयर में से 55,000 हेक्टेयर से ज्यादा में एचबी4 गेहूं लगाया गया। कुल मिलाकर, 2019 से लेकर आज तक अर्जेंटीना में एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा में एचबी4 गेहूं लगाया गया है। हमने अन्य बीज कंपनियों के साथ भी सहयोग किया है जो अर्जेंटीना में एचबी4 किस्में विकसित कर रही हैं।" उन्होंने कहा कि एचबी4 गेहूं आज उपलब्ध एकमात्र सूखा-सहिष्णु गेहूं तकनीक है।
मारियानी ने कहा, "यह फसलों को पानी की कमी की स्थिति में प्रकाश संश्लेषण बनाए रखने और एंटीऑक्सीडेंट और ऑस्मोप्रोटेक्टेंट्स उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है। इस तरह यह प्रतिकूल परिस्थितियों में अधिक उपज प्रदान करता है। यह अधिक चरम जलवायु परिस्थितियों में अनुकूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।"
उन्होंने कहा कि एचबी4 किस्म कम पानी की परिस्थितियों में औसतन 20% अधिक उपज देता है। किसानों के दृष्टिकोण से, महत्वपूर्ण बात यह है कि जब सूखा नहीं होता है तो इस किस्म से उपज में कोई कमी नहीं आती है। यह ग्लूफ़ोसिनेट हर्बिसाइड के प्रति भी सहनशील है।
जेनेटिकली इंजीनियर्ड (जीई) फसलों की खेती के मामले में अर्जेंटीना दुनिया में तीसरा स्थान रखता है। यहां 260 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर आनुवंशिक रूप से इंजीनियर्ड सोयाबीन, मक्का और कपास की खेती होती है। 1996 में हर्बिसाइड-टॉलरेंट सोयाबीन की शुरूआत के साथ जीई फसलों को व्यावसायिक रूप से अपनाना शुरू हुआ और तब से इसके रकबा में काफी वृद्धि देखी गई है।
वर्तमान में अर्जेंटीना में लगाए जाने वाले 100% सोयाबीन, 99% मक्का और 100% कपास आनुवंशिक रूप से इंजीनियर्ड हैं। अतीत में अर्जेंटीना मुख्य रूप से फ़ीड और फाइबर के लिए जीई फसलों का उत्पादक रहा है। यह अब खाद्य उपयोग के लिए जीई गेहूं का पहला प्रमुख निर्यातक है।
एचबी4 गेहूं को मंजूरी से पहले, ब्राजील में वाणिज्यिक खेती के लिए 105 जीई इवेंट को मंजूरी दी गई थी। उनमें से 55 मक्का के लिए, 23 कपास के लिए, 18 सोयाबीन के लिए, छह गन्ने के लिए, दो यूकेलिप्टस के लिए और एक ड्राई एडिबल बीन की वायरस प्रतिरोधी किस्म के लिए थी।