जलवायु परिवर्तन से जूझ रही दुनिया को इसके समाधान को लेकर तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है। 30 नवंबर से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप 28 (COP28) में संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) कृषि खाद्य प्रणालियों के लिए टिकाऊ समाधान पेश करेगा। संयुक्त अरब अमीरात के दुबई स्थित एक्सपो सिटी में आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 12 दिसंबर तक चलेगा।
एफएओ के एक बयान के मुताबिक, संगठन के डायरेक्टर जनरल क्यू डोंग्यू इसमें एफएओ के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस वैश्विक सम्मेलन में 65,000 से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के सदस्य देशों के अलावा, विश्व के लगभग 150 नेताओं, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों, युवाओं, जलवायु वैज्ञानिकों, स्वदेशी लोगों, पत्रकारों, पोप फ्रांसिस और किंग चार्ल्स जैसे प्रभावशाली लोग इसमें हिस्सा लेंगे।
क्यू डोंग्यू ने एक बयान में कहा, "जलवायु और खाद्य संकट एक दूसरे से अलग नहीं हैं। कृषि खाद्य प्रणालियों और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश करने से जलवायु संकट के प्रभावों को दूर करने का ठोस समाधान तैयार होता है। कॉप 28 में एफएओ व्यवस्थित रूप से इस बात पर रौशनी डालेगा कि कैसे जलवायु कार्रवाई को तेज करने से कृषि खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन होता है, जो लोगों को लाभ और समृद्धि प्रदान करता है।"
इस वर्ष चर्चाओं और वार्ताओं में महत्वपूर्ण वर्कस्ट्रीम्स को शामिल किया जाएगा, जिसका लक्ष्य प्रमुख मुद्दों पर पर्याप्त प्रगति हासिल करना है। जलवायु प्रभावों से तत्काल निपटने में किसानों सहित कमजोर समुदायों की सहायता के लिए कॉप 27 की सहमति के नुकसान और क्षति वित्त सुविधा के विवरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
एफएओ का एक अन्य अनिवार्य लक्ष्य विकासशील देशों को उनके जलवायु परिवर्तन के अनुकूल प्रयासों में समर्थन देने के लिए वैश्विक वित्त उद्देश्य की ओर आगे बढ़ना है। ऊर्जा परिवर्तन और न्यायसंगत परिवर्तन दोनों में तेजी लाने के साथ-साथ उत्सर्जन अंतर को कम करना भी महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिन पर सम्मेलन में विचार किया जाएगा।
कॉप 28 में पहली बार ग्लोबल स्टॉकटेक का निष्कर्ष भी देखा जाएगा। यह देशों और हितधारकों द्वारा इसका मूल्यांकन करने की एक प्रक्रिया है कि पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में प्रगति कहाँ रुक रही है (या नहीं)। यह प्रक्रिया एक निर्णय के साथ समाप्त होगी। 2025 में होने वाली जलवायु कार्य योजनाओं (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) के अगले दौर की महत्वाकांक्षा को तेज करने में इसका लाभ उठाया जाएगा।