भारत के छोटे शहरों में व्यापार विस्तार की संभावना तलाश रहा चिली, हेल्दी प्रॉडक्ट्स को देगा बढ़ावा

चिली की योजना भारत के छोटे शहरों में अपनी बाजार मौजूदगी का विस्तार करने की है। इन शहरों में स्वस्थकर उत्पादों को बढ़ावा देकर अपनी पैठ बढ़ाने की उसकी योजना है। इसके लिए चिली के वरिष्ठ आर्थिक अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इन दिनों भारत के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की है। इसके अलावा मुंबई में वाणिज्य दूतावास के आधिकारिक उद्घाटन के साथ चिली के आर्थिक कार्यालय की शुरुआत की जाएगी।

नई दिल्ली में आयोजित एक प्रमोशनल इवेंट में प्रोचिली के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य।

चिली की योजना भारत के छोटे शहरों में अपनी बाजार मौजूदगी का विस्तार करने की है। इन शहरों में स्वस्थकर उत्पादों को बढ़ावा देकर अपनी पैठ बढ़ाने की उसकी योजना है। इसके लिए चिली के वरिष्ठ आर्थिक अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इन दिनों भारत के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की है। इसके अलावा मुंबई में वाणिज्य दूतावास के आधिकारिक उद्घाटन के साथ चिली के आर्थिक कार्यालय की शुरुआत की जाएगी।

प्रोचिली के जनरल डायरेक्टर इग्नासियो फर्नांडीज की अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल भारत आया हुआ है। प्रोचिली चिली के विदेश मंत्रालय से संबंधित इकाई है जिसके पास निर्यात को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी है। प्रतिनिधिमंडल में चिली के विभिन्न उत्पादक क्षेत्रों के व्यापार संघ एसओएफओएफए के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। भारत के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला चिली पहला लैटिन अमेरिकी देश है।

इग्नासियो फर्नांडीज ने कहा कि चिली का लक्ष्य भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों के बाजारों में संभावना तलाशना है। प्रोचिली भारत में नए बाजारों और अवसरों की पहचान करने के लिए स्थानीय आयातकों और व्यवसायों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। चिली ने पहले ही प्रमुख भारतीय शहरों में कृषि-उत्पाद खंड में खुद को स्थापित कर लिया है और अब छोटे शहरों में अखरोट और अन्य सूखे मेवों जैसे अपने प्रीमियम उत्पादों को बढ़ावा देना चाहता है। अपने उत्पादों के बारे में भारतीय ग्राहकों को जानकारी देने के लिए चिली वाइन और अन्य कार्यक्रमों पर एक मास्टरक्लास सहित एक ब्रांड-बिल्डिंग अभियान शुरू करने की भी योजना है।

वर्तमान में, चिली भारत को अखरोट, वाइन, चेरी, कीवी और प्रून जैसे विभिन्न उत्पादों का निर्यात करता है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के तहत शामिल खाद्य उत्पादों की श्रेणी का विस्तार करने के लिए चिली उत्सुक है। चिली का उद्देश्य अपने मौजूदा व्यापार समझौते का लाभ उठाकर और सहयोग एवं व्यापार विस्तार के अवसरों की खोज करके भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करना और बढ़ाना है।

भारत में चिली के राजदूत जुआन एंगुलो ने इस तरह की बैठकों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "भारत इस क्षेत्र में हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी साबित हुआ है। यहां की सांस्कृतिक समृद्धि, इसकी क्षेत्रीय विविधता और हजारों साल पुराना इतिहास हमें संबंधों को मजबूत करने के लिए खुलेपन को बढ़ावा देते हुए अपने निर्यात पोर्टफोलियो का विस्तार करने की अनुमति देता है।"

इग्नासियो फर्नांडीज ने कहा, "हमारे लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने वाणिज्यिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए भारतीय आयातकों के साथ हर दिन जो काम करते हैं वह दिखाई दे। हम लगातार अपने शिपिंग समय को अनुकूलित करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, अपने प्रस्तावों को नया रूप दे रहे हैं और अधिक आकर्षक पैकेजिंग के साथ उच्च गुणवत्ता वाले और असाधारण स्वाद वाले उत्पादों के अनुरोध को पूरा कर रहे हैं।"

2016 में भारत और चिली के बीच तरजीही व्यापार समझौते के विस्तार पर नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे। इससे समझौते का दायरा 474 वस्तुओं से बढ़कर 2829 हो गया। 2021 से दोनों देश इसे मजबूत बनाने के लिए तरजीही व्यापार समझौते के और विस्तार पर बातचीत कर रहे हैं। अगर विस्तार पर सहमति बन जाती है तो करीब 10 हजार उत्पादों तक चिली की पहुंच हो जाएगी।