राजस्थान में करीब 4 फीसदी घटा मतदान, लेकिन बाड़मेर में रिकॉर्ड 76 फीसदी वोटिंग

बाड़मेर की तपती रेत में गरमाई राजनीति ने मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। कई बूथों पर 95 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। चुनाव में गड़बड़ी और समर्थकों से मारपीट के आरोप भी लग रहे हैं।

राजस्थान की सबसे चर्चित बाड़मेर लोकसभा सीट पर रिकॉर्ड 75.93 फीसदी मतदान हुआ जो अब तक का सर्वाधिक है। 2019 में वहां 73.30 फीसदी मतदान हुआ था। बाड़मेर के कई बूथों पर 95 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है जबकि दो बूथों पर 100 फीसदी से ज्यादा वोटिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 

राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर औसतन 62.10 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो 2019 में हुए 66.34 फीसदी मतदान से 4.24 फीसदी कम है। वहीं, बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में करीब 76 फीसदी मतदान चौंकाने वाला है। बाड़मेर की बायतु विधानसभा में सबसे अधिक 82.15 प्रतिशत, जैसलमेर में 79.94 फीसदी और शिव में 78.71 फीसदी मतदान हुआ। जबकि सिवाना विधानसभा में सबसे कम 63.68 प्रतिशत मतदान हुआ है।

शुक्रवार को मतदान के दिन से ही बाड़मेर में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस के नेता समर्थकों के साथ मारपीट और चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। बाड़मेर से केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी भाजपा उम्मीदवार हैं और वहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

दो बूथों पर 100 फीसदी से ज्यादा मतदान
 
बाड़मेर की शिव विधानसभा के दो बूथों पर 100 फीसदी के अधिक मतदान का मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चाओं में है। इसके स्क्रीन शॉट शेयर किए जा रहे हैं। बूथ पर मतदाताओं की संख्या से अधिक मतदान होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि 100 फीसदी मतदान छोटे बूथ पर हुआ है। अतिरिक्त वोट EDC है। कार्मिक से शीट बनाते समय अतिरिक्त EDC कॉलम छूट गया जिसके चलते यह भ्रम बना।

दूसरे चरण में 65.03 फीसदी मतदान

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को 13 सीटों पर हुई वोटिंग का आंकड़ा 65.03 फीसदी तक पहुंच गया है। 2019 में इन सीटों पर 68.42 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस तरह 2019 के मुकाबले करीब तीन प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। हालांकि, पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में करीब 7 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई। 19 अप्रैल को पहले चरण में राजस्थान के 12 लोकसभा क्षेत्रों में 57.65 फीसदी मतदान हुआ था। 

दूसरे चरण में सबसे कम मतदान टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर हुआ, जहां 56.58 फीसदी वोट पड़े। जबकि जालौर में 62.89 फीसदी, झालावाड़-बारां में 69.71 फीसदी, जोधपुर में 64.27 फीसदी, कोटा में 71.26 फीसदी, पाली में 57.19 फीसदी, राजसमंद में 58.39 फीसदी, चित्तौड़गढ़ में 68.61 फीसदी, भीलवाड़ा में 60.37 फीसदी, उदयपुर में 66.66 फीसदी, अजमेर 59.65 फीसदी और बांसवाड़ा में 73.88 फीसदी मतदान हुआ। 

पहले चरण में कम मतदान के बाद राजनीतिक दलों ने मतदान बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला है, वहीं ज्यादा वोटिंग हुई है। प्रदेश के सिर्फ तीन लोकसभा क्षेत्रों बाड़मेर, बांसवाड़ा और कोटा में 2019 के मुकाबले मतदान बढ़ा है। बाकी 22 सीटों पर मतदान प्रतिशत घटा है। झुंझुनूं में सबसे ज्यादा करीब 9 फीसदी मतदान घटा। जबकि सबसे कम 50.04 फीसदी मतदान करौली-धौलपुर सीट पर हुआ। 

समर्थकों से मारपीट, फर्जी वोटिंग के आरोप

चुनाव के दौरान बाड़मेर के कई इलाकों में उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच टकराव और मारपीट की खबरें आईं। बायतु पुलिस पर कार्यकर्ताओं से मारपीट का आरोप लगाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी बालोतरा में एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कई बूथों पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया। कांग्रेसी नेता हरीश चौधरी ने बाड़मेर जिला कलेक्ट्रेट में धरना देकर पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए। 

कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने आरोप लगाया कि निर्दलीय प्रत्याशी के कार्यकर्ताओं ने ही मारपीट की और वे खुद ही धरने दे रहे है। निर्दलीय प्रत्याशी के कार्यकर्ताओं ने हुडदंग मचाया और बाहर से आए लोगों ने माहौल बिगाड़ा।