लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हो गई। इस चरण में 7 मई को 12 राज्यों की 94 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार 19 अप्रैल तक उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकते हैं। इस चरण में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दादरा एवं नगर हवेली, दमन दीव, गोवा, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सीटें शामिल हैं। उसी दिन मध्य प्रदेश की बैतूल विधानसभा सीट के लिए भी मतदान होगा। 18 वीं लोकसभा के लिए कुल सात चरणों में मतदान हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को और आखिरी चरण का एक जून को होगा। वोटो के गिनती 4 जून को होगी। चुनाव आयोग मतदाताओं के लिए विशेष जागरूकता अभियान भी चला रहा है। आयोग इसमें अब रेलवे की भी मदद लेगा। ट्रेनों एवं प्लेटफॉर्मों पर मतदान से जुड़े संदेश प्रसारित किए जाएंगे। स्टेशनों के डिस्प्ले पर भी ये संदेश प्रसारित किए जाएंगे।
मायावती 14 अप्रैल से पश्चिमी यूपी में करेंगी रैलियां
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती 14 अप्रैल से 23 अप्रैल तक पश्चिमी यूपी में रैलियां करेंगी। इस दौरान मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, नगीना, गाजियाबाद, बागपत, अमरोहा, गौतम बौद्ध नगर, बुलंदशहर, मेरठ और हापुड में मायावती की रैलियां होंगी। पश्चिमी यूपी की बिजनौर, नगीना, सहारनपुर और अमरोहा सीटें उन 10 सीटों में से हैं, जिन पर 2019 में बसपा के उम्मीदवार विजयी हुए थे। पार्टी के कार्यक्रम के अनुसार, मायावती 14 अप्रैल को मुजफ्फरनगर से अपना चुनाव अभियान शुरू करेंगी। 2019 में उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बसपा ने सपा के साथ गठबंधन किया। तब बसपा ने 10 और सपा ने पांच सीटें जीतीं। इस बार बीएसपी अकेले चुनाव लड़ रही है।
सपा ने दो, बसपा ने नौ उम्मीदवार घोषित किए
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए दो और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। ये नाम उत्तर प्रदेश की कौशांबी और कुशीनगर सीटों के लिए हैं। सपा ने कौशांबी से पुष्पेंद्र सरोज को मैदान में उतारा है। पुष्पेंद्र सरोज बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के पुत्र हैं। कुशीनगर से पार्टी ने अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू को टिकट दिया है।
बहुजन समाज पार्टी ने नौ लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से चुनाव लड़वाने का फैसला लिया है। घोसी सीट से पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अलावा एटा से मोहम्मद इरफान एडवोकेट, धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी, फैजाबाद से सच्चिदानंद पांडेय, बस्ती से दयाशंकर मिश्रा, गोरखपुर से जावेद सिमनानी, चंदौली से सत्येंद्र कुमार मौर्य और रॉबर्ट्सगंज से धनेश्वर गौतम एडवोकेट को टिकट दिया है।
डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी कांग्रेसः राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कुछ ही सालों में डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी। उन्होंने कांग्रेस में अंतर्कलह की तुलना टीवी रियलिटी शो बिग बॉस से की और कहा कि पार्टी के नेता ही एक दूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से नेताओं का जाना जारी है। वे एक के बाद एक पार्टी छोड़ रहे हैं और भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी मोदी सरकार के किसी भी मंत्री पर उंगली नहीं उठा सकता। पिछले 10 वर्षों में मोदी जी की सरकार के किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा।
दिग्विजय ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के पास गए थे, लेकिन उसने न तो मिलने का समय दिया न कोई जवाब दिया। दिग्विजय का आरोप है कि ईवीएम एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है और इसमें गड़बड़ी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में और बाहर सभी जगह पर ईवीएम का मुद्दा उठाया है। ईवीएम को लेकर तीन बुनियादी सवाल हैं कि क्या ईवीएम स्टैंड-अलोन मशीन है, क्या वीवीपैट में इंटरनेट के साथ कोई कनेक्टिविटी है और वीवीपैट में कौन सा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया है।
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश: आतिशी
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए एक बड़ी राजनीतिक साजिश रच रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उनकी सरकार को गिराने की एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।, “हमें विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। लेकिन दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना गैरकानूनी और लोगों के जनादेश के खिलाफ होगा।" आतिशी ने दावा किया कि हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिससे राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की संभावना का संकेत मिलता है।