पूर्वी यूपी की कैसरगंज सीट से भाजपा ने यौन उत्पीड़न के आरोपी रहे बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है। यह फैसला पश्चिमी यूपी में दो चरणों का चुनाव खत्म होने के बाद लिया गया। महिला पहलवानों के गंभीर आरोपों से घिरे बृजभूषण के बेटे को उम्मीदवार बनाने जाने पर पश्चिमी यूपी की राजनीति गरमा गई है। भाजपा के इस निर्णय का विरोध करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
रोहित जाखड़ ने कहा कि भाजपा ने उसी बृजभूषण के बेटे को अपना उम्मीदवार बना दिया जिस पर हमारी खिलाड़ी बहन, बेटियों के शोषण का आरोप है। भाजपा ने अपने फैसले से समस्त जाट और किसान वर्ग की भावनाओं को दरकिनार कर अपमानित किया। जैसे ही पश्चिम क्षेत्र का चुनाव पूरा हुआ भाजपा ने यह निर्णय ले लिया। ऐसे में भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया है। जाखड़ का कहना है कि बेटियों की अस्मिता और किसानों के मुद्दों से समझौता करना उनके लिए संभव नहीं था। उन्होंने जाट आरक्षण और किसान आंदोलन को लेकर भी भाजपा की आलोचना की।
रालोद को बड़ा झटका
राष्ट्रीय लोकदल के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद पार्टी के उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी और कैंपेन हेड प्रशांत कनौजिया रालोद से नाता तोड़ चुके हैं। अब रोहित जाखड़ के इस्तीफे से रालोद को एक झटका लगा है। रालोद पिछले 10-12 वर्षों से किसान और भाईचारे के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ संघर्ष कर रही थी लेकिन चुनाव से ठीक पहले भाजपा से गठबंधन कर लिया। रालोद का यह बदला रुख कई समर्थकों के गले नहीं उतर रहा है। माना जा रहा था कि रालोद से गठबंधन के बाद भाजपा कैसरगंज से बृजभूषण सिंह का टिकट कट देगी। लेकिन भाजपा ने बृजभूषण की जगह उनके बेटे को टिकट दे दिया।
बृजभूषण के घर जश्न का माहौल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में करण सिंह घर पर समर्थकों के बीच बैठे अपने पिता के पैर छूते नजर आ रहे हैं। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, "मैं पार्टी नेतृत्व और जनता का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यहां लोगों की सेवा करने का मौका दिया।" 34 वर्षीय करण भूषण सिंह लॉ ग्रेजुएट हैं और पिछले साल उत्तर प्रदेश कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने थे। उनके बड़े भाई प्रतीक भूषण सिंह बीजेपी के विधायक हैं। उनकी मां केतकी देवी सिंह गोंडा से सांसद रह चुकी हैं। बृजभूषण सिंह छह बार सांसद रहे। वे गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से चुनाव जीत चुके हैं। महिला पहलवानों द्वारा धरने-प्रदर्शन और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बृजभूषण सिंह को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
कांग्रेस ने साधा निशाना
कैसरगंज से बृजभूषण सिंह के बेटे को मैदान में उतारने को लेकर विपक्षी दल भाजपा की आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, " जब हम सोच रहे थे कि प्रज्वल रेवन्ना स्कैंडल ने भाजपा की चरित्रहीनता के सबसे निचले स्तर को उजागर कर दिया है, तब उन्होंने दिखाया कि गिरने के मामले में उनका कोई निचला स्तर है ही नहीं। अब उन्होंने कई महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को सम्मानित करते हुए उसके बेटे को टिकट दिया है।" तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं ने भी बेटी बचाओ के नारे पर सवाल उठाते हुए बृजभूषण सिंह के बेटे को लोकसभा चुनाव का टिकट दिए जाने की आलोचना की है।