कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खुद को 'देशभक्त' कहते हैं वे जाति जनगणना के 'एक्स-रे' से डर रहे हैं। लेकिन अब ''कोई ताकत'' इसे रोक नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस के मेनिफेस्टो को देखकर घबरा गये हैं। कांग्रेस एक क्रांतिकारी घोषणा-पत्र लेकर आई है।
नई दिल्ली में 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "आज हिंदुस्तान में 90 फीसदी लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। हमने सिर्फ इतना कहा कि जातिगत जनगणना से ये पता लगाते हैं कि कितना अन्याय हो रहा है? इतना कहते ही मीडिया और नरेंद्र मोदी बौखला गए। ...जातिगत जनगणना मेरे लिए राजनीति नहीं है। ये मेरी लाइफ का मिशन है। कांग्रेस की सरकार आते ही हम जातिगत जनगणना करा देंगे। ये मेरी गारंटी है।"
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी 10 साल से कह रहे थे कि वे ओबीसी हैं। लेकिन जैसे ही हमने जातिगत जनगणना की बात की, वे कहते हैं कि हिंदुस्तान में सिर्फ दो ही जाति हैं, अमीर और गरीब। राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस का घोषणा-पत्र जातिगत जनगणना के एक्स-रे और मोदी सरकार द्वारा पैदा की गई आय असमानता की बात करता है। लेकिन राष्ट्रीय मीडिया और नरेंद्र मोदी कहने लगे कि 'देश को बांटने की कोशिश की जा रही है।' जबकि इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर आप घायल हो जाएं और मैं कहूं कि एक्स-रे कराओ, तो किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह एक्स-रे केवल भागीदारी और न्याय के बारे में है। लेकिन खुद को 'देशभक्त' कहने वाले लोग इस एक्स-रे से डरते हैं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अरबपति मित्रों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया है। इतने पैसों से 16 करोड़ युवाओं को 1 लाख रुपये साल की नौकरी मिल सकती थी। 16 करोड़ महिलाओं को एक लाख रू साल देकर उनके परिवारों की जिंदगी बदली जा सकती थी। 10 करोड़ किसान परिवारों का कर्ज माफ कर अनगिनत आत्महत्याएं रोकी जा सकती थी।
इससे पहले राजस्थान में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणा-पत्र का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो हरेक की संपत्ति का सर्वे कराएगी और ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों व घुसपैठियों को बांट देगी। उन्होंने महिलाओं के मंगलसूत्र और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के देश के संसाधनों के पहला हक वाले बयान को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा था। तभी से कांग्रेस के घोषणा-पत्र को लेकर बहस छिड़ी है।