हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधान सभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए अपने 10 साल के कार्यकाल में हुए कामों की लंबी फेहरिस्त गिनाते हुए वह कहते हैं कि भाजपा के पास पिछले 10 वर्षों में गिनाने के लिए कुछ नहीं है। विधान सभा चुनाव प्रचार के व्यस्त कार्यक्रम के बीच उनके रोहतक स्थित आवास पर रूरल वॉयस के एडिटर-इन-चीफ हरवीर सिंह ने कांग्रेस के वायदों, किसानों और खिलाड़ियों जैसे तमाम मुद्दों पर लंबी बात की। बातचीत के मुख्य अंशः
सवाल - हुड्डा जी, आपने कहा कि बीजेपी जा रही है, कांग्रेस आ रही है। इसके पीछे कौन सा आत्मविश्वास है आपका जो इतना भरोसा दे रहा है कि इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी?
जवाब - देखिए, 2019 का लोकसभा का चुनाव हुआ तो कांग्रेस की एक भी सीट नहीं आई और कुल 10 असेंबली सेगमेंट में लीड किया। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में हमारी पांच सीटें आईं। मैंने उस टाइम कहा था भाजपा लोकसभा में हाफ, विधानसभा में साफ। सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में हमारा वोट बैंक बढ़ा है, बीजेपी का घटा है। सभी दस पार्लियामेंट क्षेत्र में हमारा वोट बैंक बढ़ा है और बीजेपी का घटा है। 2019 में हमारा वोट शेयर 28 प्रतिशत था, यह 48 प्रतिशत पर पहुंच गया। उनका 12 प्रतिशत घटा है। ये संकेत होते हैं, उसके आधार पर मैं यह कह रहा हूं।
सवाल - बीजेपी की 10 साल सरकार रही है और उसके पहले आपने 10 साल राज्य को चलाया है। तो मैं यह आपसे समझना चाहूंगा आपके 10 साल और इनके 10 साल को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब - बदलाव का जो कारण है, यही है। 2005 से 2014 तक कांग्रेस की सरकार रही और 2014 से 2024 तक बीजेपी-जेजेपी की। लोगों ने हमारी उपलब्धियों और इनकी विफलता को तोल कर देखा है। जब 2014 में हमने सरकार छोड़ी थी, उस समय हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में, प्रति व्यक्ति निवेश में, कानून व्यवस्था में, नौकरी देने में, खेल-खिलाड़ी में पूरे हिंदुस्तान में नंबर एक रहा। आज हरियाणा नंबर एक है बेरोजगारी में, महंगाई में। कानून व्यवस्था तो बिल्कुल चरमरा गई है। हमारी पहलवान बेटियों ने देश का नाम कमाया, उनको इंसाफ नहीं मिल रहा। इस वास्ते लोग इनसे विमुख हो गए। किसानों से वादा किया कि आमदनी दोगुनी करेंगे। आमदनी तो दोगुनी नहीं की, लेकिन लागत कई गुना बढ़ा दी। डीजल 2014 में क्या भाव था हरियाणा में, खाद का क्या भाव था, कीटनाशक का क्या था और आज क्या है। पहले हरियाणा में डीजल सभी राज्यों से सस्ता था, राजस्थान से भी, दिल्ली से भी। हरियाणा बॉर्डर पर बोर्ड लगे होते थे सबसे सस्ता का। तब वैट कम था, इन्होंने बढ़ा दिया। अब पंजाब से भी महंगा है, चंडीगढ़ से भी और राजस्थान से भी।
सवाल- मैनिफेस्टो में जो आपने सात गारंटी दी है, उसे लागू करने का क्या रोडमैप है?
जवाब - हमने सारा एनालिसिस करके देखा है। यह आसान नहीं, लेकिन हम इसको कर पाएंगे। आपने देखा होगा, 2005 में जब हमारी सरकार बनी तब 2200 करोड़ का प्लान बजट था और 1600 करोड़ के बिजली बिल हमने माफ कर दिये थे। हरियाणा की आर्थिक स्थिति मजबूत छोड़ कर गए थे। हमने इतने प्रोजेक्ट बनाए। अब इनकी अचीवमेंट देखिए। लोग कहते हैं कि इन्होंने (कांग्रेस का घोषणापत्र) कॉपी पेस्ट कर दिया। हमने महिलाओं को 2000 रुपये देने की बात कही, इन्होंने 2100 रुपये की घोषणा कर दी। हमने कहा दो लाख स्वीकृत पद खाली हैं जिन पर नौकरी देंगे तो इन्होंने भी कह दिया। एक बात तो मान ली इन्होंने कि दो लाख स्वीकृत पद खाली हैं। इससे इनकी विफलता सामने आई। इन्होंने जो कौशल रोजगार योजना चलाई, उसमें ठेके पर सब दे दिया। हमने तो ठेकेदारी सिस्टम बंद किया था, इनके समय में सरकार खुद ठेकेदार बन गई। उसमें ना तो मेरिट है, ना रिजर्वेशन है, ना पक्का है। जिस पोस्ट के लिए वेतन 40000 मिलना चाहिए, उसके लिए ये ठेका पर 15000 रुपये दे रहे हैं। इन्होंने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित वर्ग का रिजर्वेशन नहीं दिया। उन बच्चों की उम्र भी निकल गई। लोग इस बात को समझते हैं।
सवाल - आपकी चेयरमैनशिप में कृषि पर एक कमेटी थी। आपने कहा है कि हरियाणा में एमएस स्वामीनाथन फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देंगे।
जवाब - हमने कहा है, राहुल गांधी मजबूत नेता हैं, हम लड़ाई लड़ेंगे, सरकार को मजबूर करने की कोशिश करेंगे कि स्वामीनाथन फॉर्मूला लागू करे।
सवाल - लेकिन हरियाणा में आप एमएसपी की कानून गारंटी देंगे...?
जवाब - कानूनी गारंटी यही है कि कोई भी व्यक्ति एमएसपी से कम पर न खरीदे।
सवाल - अंबाला में आपने कहा कि जैसे ही कांग्रेस की सरकार आएगी तो शंभू बॉर्डर खुल जाएगा। आप किसानों को दिल्ली जाने के लिए रास्ता देंगे?
जवाब - मैंने कहा लोकतंत्र में किसी का रास्ता रोक नहीं सकते। आवाज सुननी चाहिए। ये बात दूसरी है कि अगर कोई कानून हाथ में ले तो आपके पास कानूनी ताकत है। कोई शांतिप्रिय ढंग से आ रहा है तो उसे कैसे रोक सकते हैं। उनकी बात सुनो, बातचीत करो, उनका समाधान निकालने का प्रयास करो।
सवाल - प्रधानमंत्री ने भी कहा है और बीजेपी भी कह रही है कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो विकास के सारे काम ठप पड़ जाएंगे। उनकी इस टिप्पणी को किस तरह देखते हैं?
जवाब - प्रधानमंत्री जी को लोग जो सलाह देते हैं, वो कह देते हैं। लेकिन (भाजपा कार्यकाल में) विकास हुआ कहां है? हमने 2005 से 2014 तक 81 किलोमीटर मेट्रो लाइन बनाई, इन्होंने एक पोल नहीं बढ़ाया। उसी दौरान हमने 250 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई या मंजूर कराई, इन्होंने एक नहीं बनाई। उसी समय हमने चार पावर प्लांट लगाए, इन्होंने एक यूनिट नहीं पैदा की। 2005 से पहले एक मेडिकल कॉलेज था, वो भी हरियाणा बनने से पहले का। हमने छह मेडिकल कॉलेज बनाए। हम यहां राष्ट्रीय स्तर का इंस्टीट्यूट लेकर आए। पंचकूला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी को लेकर आए। कुरुक्षेत्र में देश का दूसरा (पहला अहमदाबाद में) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन बनाया। करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज बनाया, सोनीपत में डॉ. आंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी बनाई, वहां आईआईटी और ट्रिपल आईटी आई, फिर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी आई। प्राइवेट में भी कई संस्थान आए। एसआरम आई, अशोका यूनिवर्सिटी आई। हमने मुरथल में यूनिवर्सिटी बनाई, खानपुर में महिला यूनिवर्सिटी बनाई। महिला मेडिकल कॉलेज बनाया जो आजादी के बाद का दूसरा था। फरीदाबाद में मेडिकल कॉलेज बनाया, वाईएमसीए की यूनिवर्सिटी बनाई, मेवात में मेडिकल कॉलेज बनाया, गुड़गांव में देश की पहली डिफेंस यूनिवर्सिटी बनाई जिसकी नींव डॉ.मनमोहन सिंह ने रखी। रेवाड़ी में इंदिरा गांधी जी के नाम से यूनिवर्सिटी बनाई, सैनिक स्कूल बनाया। महेंद्रगढ़ में सेंट्रल यूनिवर्सिटी लेकर आए जहां लॉ कॉलेज भी होगा, मेडिकल कॉलेज भी होगा। झज्जर में एम्स लेकर आए, भिवानी में चौधरी बंसीलाल के नाम से यूनिवर्सिटी बनाई, रोहतक में आईआईएम आया और विजुअल आर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई, हिसार में एनिमल साइंस की यूनिवर्सिटी बनाई। इस तरह आप पूरे प्रदेश में देख सकते हैं। भाजपा के कार्यकाल में ना तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हुआ, ना एजुकेशन, ना स्वास्थ्य में, एक भी बता दें। विकास और क्या होता है? आप उनसे पूछ लीजिए कोई मेडिकल बनाया हो, कोई बड़ी यूनिवर्सिटी लेकर आए हों।
सवाल - भाजपा ने चुनाव से कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री बदला। क्या एंटी इनकंबेंसी की वजह से ऐसा किया गया? उसका कुछ फायदा उन्हें मिलेगा?
जवाब - इन्हें लगता है चेहरा बदलने से फयदा होगा। ये चेहरे बदलते रहें मुख्यमंत्री के, लोगों ने इन्हीं को बदलने का फैसला कर लिया है। अभी जो मुख्यमंत्री हैं पहले नारायणगढ़ से एमएलए थे, फिर करनाल और अब लाडवा चले गए। इनका कोई विश्वास है?
सवाल - दो बड़ी घटनाएं हुईं। एक तो किसान आंदोलन चला लंबे समय तक देश में और तीनों कृषि कानून वापस हुए। दूसरा मामला पहलवानों का है जिन्होंने छेड़छाड़ के मामले में आंदोलन चलाया। उसके बाद ओलंपिक आया जहां तकनीकी कारणों से विनेश को मेडल नहीं मिल सका। अब वे आपकी पार्टी में हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस उस आंदोलन को समर्थन दे रही थी। दूसरे, किसान आंदोलन से जुड़े लोग गांव-गांव में भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे हैं, उनसे सवाल कर रहे हैं। आपके विचार से इन बातों का कांग्रेस को कितना फायदा मिलेगा?
जवाब - हरियाणा छोटा सा प्रदेश है। देश की सिर्फ दो फीसदी आबादी यहां है। लेकिन कॉमनवैल्थ खेलों में अगर 38 गोल्ड मेडल आते हैं देश के, तो 22 हरियाणा के होते हैं। ओलंपिक में छह मेडल आते हैं तो चार हरियाणा के होते हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। जिनके नाम मेडल है अगर वे धरने पर बैठी हैं, तो कोई न कोई वजह तो होगी। हमने उनके मुद्दे का समर्थन किया। बाकी हम खेलों में राजनीति नहीं करते।
सवाल - किसान आंदोलन का क्या आपको फायदा होता दिख रहा है?
जवाब - ये जो तीन कानून लेकर आए थे, वे किसान विरोधी थे।
सवाल - पार्टी में कुछ गुटबाजी की भी बात उठ रही है। कहा जाता है कि ज्यादातर टिकट तो हुड्डा जी के लोगों को मिले हैं। इसे कैसे देखते हैं?
जवाब - ऐसी बात नहीं है। टिकटों के लिए 22 हजार आवेदन आए। उन्हें देखने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनी। अलग-अलग सर्वे हुए। मूल बात यह थी कि उम्मीदवार जिताऊ और टिकाऊ हो। उन्हें ही टिकट मिला।
सवाल - पिछले दिनों शैलजा जी की नाराजगी की बात आ रही थी। हालांकि वे तो रैली में आ गईं?
जवाब - नहीं, नहीं। यह कोई मुद्दा नहीं है। उनका जवाब भी आ गया।
सवाल- चुनाव प्रचार अब जोरों पर है, अब राहुल गांधी भी प्रचार में आ गये हैं। उसका क्या फायदा होगा?
जवाब- उनका फायदा होगा, उनकी असंध और बरवाला में रैलियां हुई हैं। मैं अभी आ रहा हूं, बरवाला की रैली में अपार भीड़ थी, बहुत बड़ी रैली हुई है। लोग उनको सुनना चाहते हैं।
सवाल - जातिगत समीकरणों को आप किस तरह देखते हैं?
जवाब - कांगस का नारा है- ना जात पे ना पात पे, मुहर लगेगी हाथ पे। सभी 36 जातियां कांग्रेस के साथ हैं।
सवाल - मुख्यमंत्री का चयन कैसे होगा?
जवाब - हमारा यही सिस्टम होगा कि विधायक चुनेंगे, ऑब्जर्वर आएंगे, वे विधायकों का मत लेंगे और हाई कमान को रिपोर्ट देंगे। हाई कमान जो कहेगा उसे सब मंजूर करेंगे।
सवाल - जैसा कहा जा रहा है कि पूरा चुनाव हुड्डा जी के कंधों पर चल रहा है। पार्टी अपनी जगह है, आपकी क्या राय है?
जवाब - मैंने तो बता दिया, पार्टी जो भी तय करेगी हम उसे मानेंगे।
सवाल - हरियाणा के परिवारों से जुड़ा सवाल है। बिरेंद्र सिंह तो वापस आ ही गए हैं, बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी बीजेपी में चली गई हैं। उनकी बेटी के सामने तोशाम में आपने बंसीलाल के पोते और रणबीर महेंद्रा के बेटे को उतारा है। इधर भजनलाल के परिवार से उनके बेटे चंद्रमोहन पंचकुला से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। जो पुराने कांग्रेस के परिवार हैं वो अब भी ज्यादातर कांग्रेस के इर्द-गिर्द हैं।
जवाब - भजनलाल जी कई पार्टियों में रहे। चौधरी बंसीलाल ने अपनी पार्टी बनाई। ये सब तो कोई बात नहीं है। लेकिन चौधरी बंसीलाल का बड़ा योगदान रहा है हरियाणा में। शुरू में उनको मौका मिला, अच्छा काम किया उन्होंने।
सवाल - आप सीधा मुकाबला मान रहे हैं बीजेपी और कांग्रेस के बीच में? बाकी दलों की कोई भूमिका नहीं होगी?
जवाब - हमारा भाजपा से सीधा मुकाबला है, हमने लोकसभा चुनाव में देख लिया, तब भी यही हुआ। बाकी दलों की कोई भूमिका इस चुनाव में नहीं है।
सवाल - कितनी सीटें आएंगी, कुछ कैलकुलेट किया आपने?
जवाब - नहीं, मैं कैलकुलेशन तो नहीं करता, लेकिन माहौल देखता हूं लोगों के बीच। उसके आधार पर कहता हूं कि भारी बहुमत से हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी।