झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में इंडिया गठबंधन की वापसी हो गई है। राज्य की 81 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए और गठबंधन की जीत का आंकड़ा इससे ऊपर पहुंच चुका है।
चुनाव आयोग के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा 34 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है या आगे चल रहा है। उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के खाते में 16 और राष्ट्रीय जनता दल के खाते में चार सीटें जाती दिख रही हैं।
आयोग 81 में से 63 सीटों के नतीजे घोषित कर चुका है। इनमें से 28 सीटें झामुमो, 11 कांग्रेस, तीन राजद, दो सीपीआई-माले, एक आजसू को मिली हैं। भाजपा के खाते में 16 सीटें गई हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के खाते में एक-एक सीटें गई हैं।
बरहैत सीट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के गमलियल हेमब्रोम से करीब 39 हजार वोटों से जीत चुके हैं। हेमंत को 95,612 और हेमब्रोम को 55,821 वोट मिले। गिरिडीह जिले की गांडेय सीट पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भाजपा की मुनिया देवी को 13 हजार से अधिक वोटों से हराया है। झामुमो से भाजपा में गए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला में झामुमो के गणेश महली को हराया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा को सबसे अधिक सीटें मिलने के बावजूद वोट प्रतिशत में भाजपा काफी आगे है। भाजपा को 32.20 प्रतिशत और झामुमो को 23.49 प्रतिशत वोट मिले हैं। कांग्रेस 15.45 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर है। आरजेडी को 3.46 प्रतिशत, सीपीएम (माले) को 1.86 प्रतिशत, जदयू को 0.80 प्रतिशत और लोक जनशक्ति पार्टी (पासवान) को 0.61 प्रतिशत वोट मिले हैं।
इस बार का चुनाव प्रचार काफी तीखा रहा था। प्रचार के दौरान भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के लिए बंटी और बबली जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। तथाकथित भूमि घोटाले से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत को 31 जनवरी को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन इस जोड़ी ने चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में लगभग 200 रैलियां कीं और अपने पक्ष में माहौल बनाने में सफल रहे। यह जीत आदिवासी समुदाय पर सोरेन की पकड़ को भी दर्शाती है। प्रदेश में कुल 28 ट्राइबल रिजर्व सीटें हैं। इनमें से झामुमो ने 2019 में 26 पर जीत हासिल की थी। इस बार भी वही ट्रेंड दिख रहा है।
इंडिया गठबंधन, खास कर झामुमो को महिलाओं का भी समर्थन मिलता दिख रहा है। सरकार ने महिलाओं के लिए मंईयां सम्मान निधि योजना का ऐलान किया था। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। प्रदेश की 31 विधानसभा सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता हैं। इन सीटों पर महिला मतदान भी अधिक रहा है। हेमंत की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जहां भी गईं, वहां महिलाओं को टारगेट किया। इससे महिलाएं झामुमो के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ीं।