उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को पहले चरण का मतदान पूरा हो गया। प्रदेश की 11 जिलों की 58 सीटों पर वोट डाले गए। हालांकि मतदान का प्रतिशत बहुत उत्साहजनक नहीं रहा। 2017 के 63.47 फीसदी की तुलना में इस बार 60 फीसदी से कुछ अधिक मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चुनाव आयोग के अनुसार शामली में सबसे ज्यादा 69.42 फीसदी वोट पड़े। मुजफ्फरनगर में 65.34 फीसदी, मथुरा में 63.28 फीसदी, बागपत में 61.35 फीसदी, मेरठ में 60.91 फीसदी, बुलंदशहर में 60.52 फीसदी, हापुड़ में 60.50 फीसदी, अलीगढ़ में 60.49 फीसदी, आगरा में 60.33 फीसदी, गौतमबुद्ध नगर में 56.73 फीसदी और गाजियाबाद में सबसे कम 54.77 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। लगता है कि एनसीआर के दोनों जिलों में मतदाताओं ने छुट्टी का इस्तेमाल घूमने और आराम करने में किया।
अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी बीडी राम तिवारी के अनुसार कुछ जगहों से ईवीएम में शिकायतें आई थीं, लेकिन उन्हें जल्दी ही बदल दिया गया। गाजियाबाद में एक बूथ पर भाजपा नेता वीके सिंह और कांग्रेस के राजन कांत के समर्थकों के बीच उस समय विवाद हो गया जब सिंह मतदान केंद्र परिसर में ही पत्रकारों को भाजपा सरकार के काम गिनाने लगे।
राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी समय पर न पहुंचने के कारण वोट नहीं डाल सके, हालांकि उनकी पत्नी चारू चौधरी ने मथुरा में वोट डाला। यहां सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी संजय लाथर ने पुलिस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को पीटने का आरोप लगाया है।
इन 58 सीटों के लिए कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिलदेव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण शामिल हैं। अन्य चर्चित उम्मीदवारों में संगीत सोम, नाहिद हसन शामिल हैं। 2017 में भाजपा ने 58 में से 53 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा और बसपा को दो-दो तथा रालोद को एक सीट मिली थी।