उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर मुसलमानों और यादवों की पार्टी होने के आरोप लगते रहे हैं। इस छवि को तोड़ने के लिए पार्टी ने सोमवार को जारी 159 उम्मीदवारों की पहली सूची में गैर-यादव अन्य पिछड़ा वर्ग के 48 नाम शामिल किए हैं। इनके अलावा अन्य वर्ग के लोगों को भी उसने टिकट दिया है। यह सूची पहले तीन चरण के लिए है। प्रदेश में 14 फरवरी से सात चरणों में मतदान होना है। मतगणना 10 मार्च को होगी।
सपा की सूची में यादवों की संख्या 15 है। मुस्लिम और दलित समुदाय के 31 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। इसके अलावा 11 महिलाएं हैं। 18 सीटों से ऐसे लोगों को टिकट दिया गया है जो भाजपा या दूसरे दलों से दलबदल करके आए हैं। इनके अलावा नौ ब्राह्मण, इतने ही वैश्य और सात ठाकुरों को भी टिकट दिया गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि बाकी बची सीटों के लिए भी इसी तर्ज पर टिकटों का वितरण किया जाएगा।
पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव करहल से चुनाव लड़ेंगे। उनके चाचा शिवपाल यादव अपनी पुरानी सीट जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे। पिछले चुनावों में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा था। वरिष्ठ नेता आजम खान, जो अभी जेल में हैं, को उनकी पुरानी सीट रामपुर से टिकट दिया गया है। पार्टी ने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को भी पास की स्वार सीट से टिकट दिया है।
भारतीय जनता पार्टी छोड़कर सपा में हाल ही शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य पहली सूची में अपने बेटे उत्कृष्ट को टिकट दिलाने में नाकाम रहे हैं। दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी के दामाद उमर अली बेहट से लड़ेंगे। दलबदल कर आने वाले जिन नेताओं को सपा ने टिकट दिया है उनमें पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी (नकुड़) और रोशन लाल वर्मा (तिलहर) शामिल हैं। भाजपा छोड़कर आने वाले पूर्व विधायक रामहेतु भारती, भगवती प्रसाद सागर और नीरज मौर्य को भी टिकट मिला है।
ओवैसी ने 27 उम्मीदवार घोषित किए, इनमें चार हिंदू
इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 27 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इनमें चार टिकट पार्टी ने हिंदुओं को दिए हैं। मुजफ्फरनगर जिले की संवेदनशील बुढाना सीट से भी पार्टी ने हिंदू (भीम सिंह बालियान) को ही टिकट दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रमुख शौकत अली का कहना है कि आने वाले दिनों में और अधिक हिंदुओं को टिकट दिया जाएगा।
अखिलेश के पाकिस्तान संबंधी बयान को भाजपा ने बनाया मुद्दा
अमरिंदर सिंह ने पंजाब के चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री कराई तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के चीन और पाकिस्तान को लेकर बयान को भाजपा मुद्दा बना रही है। अखिलेश ने कहा था कि चीन भारत का ज्यादा बड़ा शत्रु है, लेकिन भाजपा राजनीतिक मकसद से पाकिस्तान का नाम बार-बार लेती रहती है। एक अंग्रेजी दैनिक के साथ इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा था, “पाकिस्तान महज एक राजनीतिक शत्रु है और भाजपा वोट की राजनीति के लिए उस पर हमला करती है।” भाजपा नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अखिलेश के बयान को जिन्ना से जोड़ते हुए कहा, “जो जिन्ना से करे प्यार, वह पाकिस्तान से कैसे करे इनकार।” पात्रा ने ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने की समाजवादी पार्टी की मांग की भी आलोचना की।
हिंदू युवा वाहिनी करेगी योगी के लिए प्रचार
इस बीच हिंदू युवा वाहिनी ने गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रचार में उतरने का निर्णय लिया है। आदित्यनाथ ने ही 2002 में हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था। गोरखपुर में छठे चरण में 3 मार्च को मतदान होना है, लेकिन वाहिनी के कार्यकर्ता अभी से मुख्यमंत्री के पक्ष में प्रचार में उतर गए हैं। हालांकि कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि गोरखपुर से भी योगी आदित्यनाथ जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं, इसीलिए हिंदू युवा वाहिनी को प्रचार में उतारा गया है।