उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के लिए 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान होना है। ये सीटें अमरोहा, बरेली, बिजनौर, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, संबलपुर और शाहजहांपुर जिलों में हैं। इस चरण में जो सबसे अमीर उम्मीदवार है उसके पास 296 करोड़ और सबसे गरीब उम्मीदवार के पास 6700 रुपए की संपत्ति है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने 586 उम्मीदवारों में से 584 उम्मीदवारों के हलफनामे के आधार पर यह विश्लेषण निकाला है। इनमें से 260 यानी 45 फ़ीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अमीर उम्मीदवार रामपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली खान हैं। उन्होंने 296 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई है। दूसरे नंबर पर बरेली कैंट सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन हैं, जिनके पास 157 करोड़ रुपए की संपत्ति है। नौगांव से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देवेंद्र नागपाल तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। उनके पास 140 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
दूसरी तरफ शाहजहांपुर सीट से संजय कुमार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने सिर्फ 6700 के ऐसेट होने की जानकारी दी है। उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है। सबसे कम संपत्ति वालों में दूसरे और तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। नेहतौर से विशाल कुमार और सहारनपुर नगर से उस्मान मलिक। इन्होंने क्रमशः 13,500 और 15,000 रुपए की संपत्ति होने की जानकारी दी है।
पार्टियों के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा के 98 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी के 92 प्रतिशत, बहुजन समाज पार्टी के 84 प्रतिशत, राष्ट्रीय लोकदल के 67 प्रतिशत, कांग्रेस के 57 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी के 33 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास कम से कम एक करोड़ रुपए की संपत्ति है। सभी प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 4.11 रुपए है। औसत संपत्ति के मामले में समाजवादी पार्टी सबसे ऊपर है। उसके प्रत्याशियों के पास औसतन 11.26 करोड़ रुपए की संपत्ति है। भाजपा 9.95 करोड़ रुपए के साथ दूसरे नंबर पर है।
एडीआर ने कहा है कि बाहुबल और धनबल का चुनाव में कितना महत्व है, इस बात का अंदाजा इससे लग जाता है कि दूसरे चरण में पार्टियों के 35 से 98 प्रतिशत तक उम्मीदवार करोड़पति हैं। यही नहीं 14 प्रतिशत से 67 प्रतिशत तक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि प्रदेश की 38 प्रतिशत जनता गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करती है।