समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तीसरी सूची जारी की है। इस सूची में अवध और पूर्वांचल क्षेत्र के 56 उम्मीदवारों के नाम हैं। खास बात यह है कि इस सूची में बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी से आए कई पिछड़े वर्ग और ब्राह्मण नेताओं के नाम हैं। प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक 7 चरणों में मतदान होने हैं। मतगणना 10 मार्च को होगी।
पार्टी ने गोरखपुर की 9 सीटों में से 7 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लेकिन गोरखपुर शहरी सीट पर अभी तक उसने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। गोरखपुर शहरी सीट से भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। नई सूची के मुताबिक योगी सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे और हाल ही मंत्री पद तथा पार्टी से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान को मऊ जिले की घोसी सीट से टिकट दिया गया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में दारा सिंह चौहान ने मऊ जिले की मधुबन सीट से चुनाव लड़ा था।
अंबेडकर नगर को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के समय 1995 में अलग जिला बनाया गया था। यहां बीते एक साल के दौरान उनकी बहुजन समाज पार्टी से समाजवादी पार्टी में आए नेताओं को टिकट दिया गया है। मायावती ने अन्य पिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेताओं लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए गए थे। इन दोनों नेताओं को क्रमशः कटेहरी और अकबरपुर से टिकट दिया गया है।
बसपा के पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त को आलापुर से तथा एक अन्य पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडे को जलालपुर से टिकट मिला है। बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय तिवारी को गोरखपुर कि चिल्लूपुर से टिकट मिला है। वह भी पहले बसपा के विधायक थे और हाल ही पार्टी छोड़कर समाजवादी सपा में शामिल हुए थे। गैंगस्टर अतीक अहमद ने जिस राजू पाल नाम के नेता की हत्या की थी उनकी पत्नी पूजा पाल को कौशांबी की चायल सीट से टिकट दिया गया है। वे दो बार बसपा के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने 2017 में सपा जॉइन कर ली थी। 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गई थीं। सपा नेता बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश को पार्टी ने बाराबंकी जिले की कुरसी सीट से टिकट दिया है। पिछली सपा सरकार में मंत्री रहे अरविंद गोप को दरियाबाद से टिकट मिला है।