पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मतदान पूरे होने के बाद अब नतीजों का दिन आ गया है। आज उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में मतों की गणना का काम सुबह 8 बजे से चल रहा है। इन राज्यों में कुल 690 विधानसभा सीटें हैं। चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इसके लिए 50,000 से अधिक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं जो करीब 1200 काउंटिंग हॉल में मतों की गिनती करेंगे। सभी मतगणना केंद्रों पर वीडियो और स्टैटिक कैमरा लगाए गए हैं। चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को पांचों राज्यों में मतदान की तारीखों का ऐलान किया था और उसके बाद आचार संहिता लागू हो गई थी।
देश में सबसे अधिक 403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 750 काउंटिंग हॉल में मतगणना होगी। पंजाब में 200 से ज्यादा काउंटिंग हॉल में मतों की गिनती का काम होगा। पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए 600 से ज्यादा ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी उसके बाद ईवीएम में डाले गए वोटों को गिना जाएगा।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर ईवीएम पाए जाने पर विपक्षी दलों ने काफी हंगामा किया। कुछ ईवीएम ट्रकों में मिले तो कुछ नगर निगम की कूड़ा ले जाने वाली गाड़ियों में पाए गए। हालांकि आयोग ने सफाई दी है कि ये ईवीएम प्रशिक्षण में इस्तेमाल किए गए थे, इसके बावजूद विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी ने आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
7 मार्च को उत्तर प्रदेश में आखिरी चरण के मतदान के बाद हुए एग्जिट पोल में यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोबारा बनने की संभावना जताई गई थी। पंजाब में आम आदमी पार्टी और मणिपुर में भाजपा की सरकार बनने के आसार एग्जिट पोल में दिखे। लेकिन गोवा और उत्तराखंड में त्रिशंकु विधानसभा बनती दिखी।
अगर उत्तर प्रदेश में भाजपा जीतती है तो करीब तीन दशक में पहली बार यहां कोई पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 312 और उसके सहयोगी दलों को 13 सीटों पर जीत मिली थी। समाजवादी पार्टी को 47, बहुजन समाज पार्टी को 19, अपना दल (एस) को 9 और कांग्रेस को 7 सीटें मिली थीं। हालांकि इस बार के चुनाव में भाजपा और सपा दोनों के गठबंधन में बदलाव हुए हैं।
पंजाब में सभी मतगणना केंद्रों पर धारा 144 लगा दी गई है। मतगणना के लिए करीब 7500 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सीआरपीएफ कि 45 कंपनियां सुरक्षा के लिहाज से तैनात की गई हैं। यहां मतगणना पूरी होने तक सरकार ने शराब की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है। जीतने वाला प्रत्याशी खुद या उसका प्रतिनिधि दो व्यक्तियों के साथ जाकर जीत का सर्टिफिकेट ले सकता है।
उत्तराखंड में भी 70 विधानसभा सीटों के लिए सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हुई है। ज्यादातर एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई है। यहां 70 में से करीब 42 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। बाकी सीटों पर लड़ाई त्रिकोणीय है। मतगणना से पहले मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय देहरादून पहुंच गए थे। उन्हें राजनीतिक जोड़-तोड़ में माहिर माना जाता है। 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ विद्रोह के समय उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी। यहां कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजा है।
40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के प्रयास में है। हालांकि अधिकतर एग्जिट पोल में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिखाया गया है। यहां कुल 302 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां दो जगहों पर मतों की गिनती होगी। मार्मगोआ के दामोदर कॉलेज में और पणजी के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक में। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। इनके अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी, आम आदमी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। 2017 के चुनावों में यहां कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी लेकिन सरकार बनाई थी 13 सीटें पाने वाली भाजपा ने।
60 सीटों वाले मणिपुर में मतगणना 41 काउंटिंग हॉल में चल रही है। मतगणना से पहले ही विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता जम चुके थे। कांग्रेस की तरफ से पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव समेत कई वरिष्ठ नेता हैं तो भाजपा की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा तैनात किए गए हैं। यहां भी 2017 के चुनाव में कांग्रेस 28 सीटें जीतने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई थी। तब राज्यपाल ने सिर्फ 21 सीटें जीतने वाली भाजपा को सरकार बनाने का ऑफर दिया था। नेशनल पीपुल्स पार्टी और जनता दल यूनाइटेड ने सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का दावा किया है। दोनों भाजपा की सहयोगी पार्टियां हैं, नेशनल पीपुल्स पार्टी राज्य में भाजपा के साथ सरकार में है, लेकिन दोनों दलों ने चुनाव अलग-अलग लड़ा है।