कांग्रेस चरणजीत सिंह चन्नी को ही पंजाब के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर सकती है। सूत्रों के अनुसार फिलहाल इस बात पर चर्चा हो रही है कि चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने पर उनके प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू और उनके समर्थकों को क्या पद दिए जाएं ताकि सत्ता का संतुलन बना रहे। पार्टी के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा था कि कांग्रेस मुख्यमंत्री चेहरे के साथ ही चुनाव लड़ेगी और जल्दी ही नाम की घोषणा की जाएगी। राहुल ने यह भी कहा था कि जिसे भी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जाएगा, दूसरे सभी नेता उनका साथ देंगे। चिन्नी और सिद्धू का नाम लेते हुए राहुल ने कहा कि इन दोनों नेताओं ने भी उन्हें यह भरोसा दिलाया है।
चन्नी के पक्ष में जो बातें जाती हैं उन्हें सबसे अहम यह है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद बहुत ही कम समय में उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। सिर्फ पार्टी के भीतर नहीं बल्कि आम लोगों में भी। पार्टी के अपने सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि चन्नी आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान और अकाली दल के सुखबीर बादल से भी आगे हैं। चन्नी को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने से कांग्रेस को दलितों के बड़े वोट बैंक का भी लाभ मिल सकता है। चन्नी चमकौर साहिब से और सिद्धू अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी खुद को अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करते रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद जब कांग्रेस ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया तब सिद्धू ने अपनी नाराजगी जताने में कोई कोताही नहीं बरती थी। वे लगातार अपनी पार्टी की ही सरकार की आलोचना कर रहे थे। इस बीच शुक्रवार को उनकी मुश्किल तब और बढ़ गई जब उनकी 70 वर्षीय बड़ी बहन सुमन तूर ने दावा किया कि नवजोत सिद्धू ने 1986 में मां को घर से निकाल दिया था और 1989 में मां की दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लावारिस स्थिति में मौत हो गई थी। सुमन अमेरिका में रहती हैं। शुक्रवार को उन्होंने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया।