उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से 5 दिन पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करेगी। पार्टी अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र कहती है। इसमें प्रदेश के 15 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड मतदाताओं को लुभाने की कोशिश होगी। उत्तर प्रदेश में अन्य किसी भी राज्य की तुलना में अधिक 403 विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां 7 चरणों में 10, 14, 20, 23 और 27 फरवरी तथा 3 और 7 मार्च को मतदान होने हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार वैसे तो घोषणा पत्र में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ होगा, लेकिन सबसे अधिक फोकस किसानों, युवाओं और महिलाओं पर रहेगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में यह घोषणा पत्र जारी किया जाएगा।
भाजपा का यह घोषणा पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर शहरी क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद जारी हो रहा है। आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अभी वे विधान परिषद यानी ऊपरी सदन के सदस्य हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार घोषणा पत्र में किसानों की आमदनी दोगुनी करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए उपायों के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही महिला रोजगार, उनकी सुरक्षा तथा गरिमा से जुड़े मुद्दे होंगे। कुछ नई और लोकलुभावन योजनाओं की भी घोषणा हो सकती है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में खास बात यह है कि सभी पार्टियां महिलाओं पर विशेष रूप से ध्यान दे रही हैं। खासकर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के ‘पिंक मेनिफेस्टो’ जारी करने के बाद, जिसमें महिलाओं के बारे में अनेक घोषणाएं हैं। भाजपा के घोषणा पत्र में युवाओं और रोजगार सृजन पर जोर दिया जा सकता है, खासकर सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े पूर्वांचल और बुंदेलखंड इलाकों के लिए।
इसके साथ ही भाजपा के घोषणा पत्र में कानून व्यवस्था के अहम मुद्दे को भी स्थान मिल सकता है, क्योंकि यह निजी निवेश आकर्षित करने और आर्थिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। केसरिया पार्टी हमेशा की तरह घोषणा पत्र में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और धार्मिक पर्यटन का भी जिक्र कर सकती है।