देश की हर पंचायत में होगी बहुद्देशीय प्राथमिक सहकारी समिति, दो लाख नये पैक्स गठित करने का फैसलाः अमित शाह

देश की हर पंचायत में प्राथमिक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। यह घोषणा केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में की। इसके साथ ही उन्होंने श्वेत क्रांति 2.0 के लिए एक मार्गदर्शिका भी जारी की।

देश की हर पंचायत में प्राथमिक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों के गठन से छोटे किसानों को मदद मिलेगी और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सहकारिता मंत्रालय द्वारा नई सरकार के 100 दिन में सहकारिता के लिए गये फैसलों और सहकारी क्षेत्र के लिए सरकार की योजनाओं को रेखांकित करने लिए गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि गांव और पंचायत स्तर पर दो लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) का गठन होगा जो डेयरी, मत्स्य पालन और दूसरे क्षेत्रों के लिए काम करेंगी। इस मौके पर श्वेत क्रांति 2.0 के लिए एक मार्गदर्शिका भी जारी की गई। इस दौरान केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह भी वहां मौजूद रहे। सम्मेलन में तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया । 

अमित शाह ने कहा कि देश में लगभग 2.7 लाख ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन कई पंचायतों में अभी भी कृषि ऋण समितियां, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन नहीं हुआ है। देश के संतुलित विकास में इन सहकारी समितियों की अहम भूमिका को देखते हुए, सरकार ने उन पंचायतों में नई बहुउद्देशीय कृषि ऋण समितियां, डेयरी और मत्स्य समितियां बनाने की योजना मंजूर की है। इन समितियों से छोटे किसानों को मदद मिलेगी और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था, तब उद्देश्य था कि देश के हर जिले और गांव में सहकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित किया जाए। इस उद्देश्य की दिशा में पिछले तीन वर्षों में काफी काम किया गया है, जिसके तहत अब तक 60 से अधिक नई पहल की गई हैं, जो सहकारिता क्षेत्र को परिपूर्ण करने में बहुत बड़ा योगदान देंगी।

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने दो लाख पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार करके पूरे देश में भेजा था। सभी राज्यों ने इसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि एक बार दो लाख प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत हो जाएंगी, तो देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं बचेगी जहां पैक्स, डेयरी या मत्स्य सहकारी समिति न हो। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर सहकारिता पूरे देश तक पहुंच सकेगी, जिससे तहसील और जिला स्तर पर सहकारी संस्थाओं का निर्माण होगा तथा राज्य संस्थाओं को भी नई ताकत और गति मिलेगी।

अमित शाह ने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 की मानक संचालन प्रक्रिया आज जारी की गई है। श्वेत क्रांति 2.0 महिला स्वावलंबन और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 जहां एक तरफ महिलाओं को सशक्त बनाएगी, वहीं कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को भी ताकत देगी। दूध की उपलब्धता बढ़ने से इसका सबसे बड़ा लाभ गरीब और कुपोषित बच्चों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन होगा, जैविक खेती को मजबूती मिलेगी और देश में जैविक खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी।

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि "श्वेत क्रांति 2.0" का मकसद महिलाओं को सशक्त बनाना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और सहकारी समितियों का विस्तार करना है। उन्होंने कहा कि इससे पांच साल के अंदर डेयरी सहकारी समितियों द्वारा हर दिन दस करोड़ लीटर दूध खरीदने का अनुमान है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में सुधार होगा। यह पहल डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) और पशुपालन एवं डेयरी विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएगी।

सहकारिता मंत्रालय ने अगले पांच सालों में 70 हजार नई बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियां बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 2026 तक 22,752 और 2029 तक 47,248 समितियां स्थापित होंगी। इसके अलावा, 56,500 नई डेयरी सहकारी समितियां और 6000 मत्स्य सहकारी समितियां बनाई जाएंगी। 46,500 मौजूदा डेयरी सहकारी समितियों और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों को भी सरकारी योजनाओं के जरिए मजबूत किया जाएगा। साथ ही, राज्य सरकारें 25,000 नई कृषि ऋण, डेयरी और मत्स्य समितियों का गठन करेंगी ताकि गांवों में आसानी से ऋण और अन्य सेवाएं मिल सकें।