आत्मनिर्भर भारत के लिए महिलाओं को सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया (एनसीयूआई) के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। इस कार्यक्रम में सरकारी संगठनों के महिला प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी शामिल थे। संघाणी ने एनसीयूआई की तरफ से आयोजित हाट की जानकारी दी जो कम जानी-मानी कोऑपरेटिव के लिए बिक्री का बड़ा प्लेटफार्म बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है तब सहकारिता मंत्रालय का गठन सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि कोऑपरेटिव को मजबूत बनाने की दिशा में सरकार की पहल से देश में सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा। उन्होंने सफल कोऑपरेटिव के बारे में महिलाओं को जानकारी देने की जरूरत बताई ताकि वह भी प्रेरित हो सकें। उन्होंने बताया कि महिलाओं ने जो एनसीयूआई कोऑपरेटिव एजुकेशन फील्ड प्रोजेक्ट का गठन किया है उससे महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है। संघाणी ने महिलाओं की मदद किए जाने पर जोर दिया ताकि वे अपने संघर्ष में आगे बढ़ सके।
एनसीयूआई के चीफ एग्जीक्यूटिव रिटायर्ड आईएएस डॉक्टर सुधीर महाजन ने महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि एनसीयूआई अपेक्षाकृत कम चर्चित कोऑपरेटिव और स्वयं सहायता समूह को अपने उत्पाद अच्छी कीमत पर बेचने का प्लेटफार्म मुहैया कराता है। उन्होंने बताया कि एनसीयूआई हाट में बीते छह 7 महीने में बिक्री एक करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। उन्होंने एनसीयूआई की अन्य पहल के बारे में भी जानकारी दी जिनमें 15 स्वयं सहायता समूहों का गठन भी शामिल है जिनकी 300 महिलाओं को एनसीयूआई के इनक्यूबेशन सेंटर में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एनसीयूआई के उपाध्यक्ष डॉ विजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं को न सिर्फ सहकारिता के क्षेत्र में बल्कि रोजमर्रा के जीवन में भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। केंद्र की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सावित्री सिंह ने कहा कि एनसीयूआई के फील्ड प्रोजेक्ट और अन्य पहल महिलाओं को बड़े पैमाने पर सशक्त बना रहे हैं।