अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस 1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में आयोजित होने वाले दो दिवसीय 17वें भारतीय सहकारी कांग्रेस का उद्घाटन और सहकारी उत्पादों के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एनसीयूआई हाट का शुभारंभ करेंगे। सहकारी विस्तार और सलाहकार सेवा पोर्टल का भी वह अनावरण करेंगे जो 'शिक्षण प्रबंधन प्रणाली' पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री सहकारिता मंत्रालय की पहल पर एक फिल्म के अलावा 'भारत में सहकारी विकास और रुझान' पर एक पुस्तक, सहकारी आंदोलन पर एक स्मारिका, "सहकारिता में सदस्यों की भूमिका" और "सहकारिता में शासन" पर प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी अनावरण करेंगे।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) द्वारा आयोजित कांग्रेस के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे जो "अमृत काल - जीवंत भारत के लिए सहयोग के माध्यम से समृद्धि" विषय पर केंद्रित होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 2 जुलाई को समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया और पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला भी समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे।
एनसीयूआई और इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने नई दिल्ली में मीडिया को सम्मेलन की जानकारी देते हुए कहा, " सहकारी कांग्रेस का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करना और 'अमृत काल' के लिए एक प्रभावी रोडमैप तैयार करना है।" प्रधानमंत्री सहकारी उत्पादों के लिए एनसीयूआई के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म 'एनसीयूआई हाट' का शुभारंभ करेंगे। इससे उत्पादों के पंजीकरण, ब्रांडिंग और प्रचार में निःशुल्क क्षमता निर्माण सहायता की सुविधा मिलेगी। प्रधानमंत्री का उद्घाटन भाषण विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही सहकारी समितियों को एक नई दिशा और मार्गदर्शन देगा। संघानी ने कहा कि इस कार्यक्रम में न केवल देश भर से बल्कि दुनिया भर से सहकारी संगठनों के 3,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन एशिया-प्रशांत (आईसीए-एपी) और कृभको के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा, इस वर्ष की भारतीय सहकारी कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर आयोजित हो रही है जो हर साल जुलाई के पहले शनिवार को मनाया जाता है। नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान, मलेशिया, फिलीपींस और पापुआ न्यू गिनी सहित आठ देशों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके अलावा 34 देशों के प्रतिनिधि जो आईसीए के सदस्य हैं वे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
तकनीकी सत्र कुछ प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित होंगे। इनमें सहकारी कानून और नीति सुधार, सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय सहयोग, सहकारी शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को मजबूत करना, प्रतिस्पर्धी सहकारी व्यावसायिक उद्यमों के लिए व्यवसाय करने में आसानी, सहकारी शासन के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी, लैंगिक समानता और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना और भारतीय अर्थव्यवस्था में सहकारी ऋण प्रणाली का महत्व जैसे विषय शामिल होंगे।
17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन का विशेष महत्व है क्योंकि इसका आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब नवगठित सहकारिता मंत्रालय द्वारा सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए कई नई पहल की गई है। पैक्स डिजिटलीकरण, नई सहकारी नीति का निर्माण, बीज उत्पादन, जैविक खेती, निर्यात हेतु नवीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों का गठन और सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना आदि कुछ प्रमुख पहल हैं।