कोविड -19 महामारी के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्माण में योग की महत्वपूर्ण भूमिका को सामने लाने, शरीर और मन को राहत प्रदान करने के साथ संक्रमण के बाद तेजी से स्वास्थ्य लाभ के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने अपने कर्मचारियों और सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए सप्ताह में तीन दिन 14 जून से दो महीने का ऑनलाइन योग कार्यक्रम शुरू किया है ।
स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एस-व्यास) , बेंगलुरु स्थित वैश्विक योग विश्वविद्यालय के योग विशेषज्ञ वर्चुअल योग कक्षाएं आयोजित करेंगे। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी के साथ सोमवार, बुधवार और शनिवार को सुबह 6 से 7 बजे 14 अगस्त तक कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
यह सत्र ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित एनसीडीसी की आयुष्मान सहकार पहल के रूप में तथा एनसीडीसी द्वारा एस-व्यास के साथ हस्ताक्षरित एक समझौते के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है। यह दोनों संगठन स्थानीय सहकारिताओं के माध्यम से देश भर में संयुक्त रूप से योग स्वास्थ्य केंद्र और प्राकृतिक चिकित्सा सुविधाएं स्थापित करने पर भी सहमत हुए हैं।
योग विशेषज्ञ और एस-व्यास अस्पताल के सीएमओ अमित सिंह योग सत्र आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि योग प्रतिभागियों को विश्राम, शारीरिक लचीलापन, सांस लेने के व्यायाम से जुड़े आसन सिखाए जाएंगे।
“रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में, विशेष रूप से कोविड -19 के दौर में योग के महत्व से जनता परिचित है। ऐसे कई नैदानिक निष्कर्ष हैं जिनसे पता चला है कि योग न केवल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है बल्कि लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित कर सकता है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि योग को एक विज्ञान के रूप में देखा जाना चाहिए जो प्रभावी रूप से तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को कम कर सकता है, तंत्रिका तंत्र को मजबूत कर सकता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाते हुए लसीका तंत्र को उत्तेजित कर सकता है।
एनसीडीसी और एस-व्यास के संयुक्त कार्यक्रम के लिए एस-व्यास के कुलपति गुरुजी नागेंद्र को धन्यवाद देते हुए एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में योग का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि यूट्यूब में सहकार कॉपट्यूब चैनल पर ऑनलाइन योग सत्रों की श्रृंखला ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों के सदस्यों के अलावा देश भर के एनसीडीसी कर्मचारियों के हित के लिए है। एनसीडीसी समय-समय पर नियमित स्वास्थ्य वार्ता श्रृंखला भी चलाता है और एम्स जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ एनसीडीसी के कर्मचारियों और सहकारी समितियों के सदस्यों के साथ बातचीत करते हैं। उन्होंने योग को वैश्विक समुदाय के लिए भारतीय विरासत का वरदान बताया। ग्रामीण क्षेत्रों में योग कल्याण केंद्रों से स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए सहकारी समितियों के लिए अच्छे व्यवसाय मॉडल बनाने की उम्मीद है।