राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) ने कृषि एवं कृषि संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादकता तथा नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपनी गतिविधियों में तालमेल बिठाने के लिए एक समझौता किया है। एनपीसी सचिव, विजय कुमार, और कार्यकारी निदेशक, एनसीडीसी श्री मुकेश कुमार द्वारा 4 जनवरी 2022 को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एनसीडीसी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मुकेश कुमार ने कहा कि हमने सहकारिता मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय तथा मत्स्य पालन एवं पशुपालन मंत्रालय जैसे केंद्रीय मंत्रालयों की योजनाओं के माध्यम से संयुक्त रूप से काम करने के लिए विभिन्न गतिविधियों की पहचान की है। ऐसे मामलों में जहां खाद्य, प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय, पर्यावरण, वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और एनसीडीसी एक कार्यान्वयन एजेंसी है और कार्यक्रम/योजना/गतिविधि को लागू करना चाहते है वहां वह इस समझौते के तहत आवश्यकता के अनुसार एनपीसी की सेवाएं ले सकते हैं और उसी तरह एनसीडीसी के लिए एनपीसी पर भी यह बातें लागू होती हैं।
पांच वर्षों के समझौता ज्ञापन के अंतर्गत एनपीसी और एनसीडीसी संयुक्त रूप से एक दूसरे को प्रायोजित करने या आमंत्रित करने या संयुक्त रूप से राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय संस्थान निर्माण गतिविधियों, अनुसंधान, सर्वेक्षण, क्षमता विकास, खरीददार विक्रेता बैठक, सम्मेलनों, कार्यशालाओं एवं अध्ययनों का आयोजन करने के प्रयास करने हेतु कार्यक्रम तैयार करेंगे ।
एनपीसी उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एक निकाय है। उत्पादकता के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के अतिरिक्त यह औद्योगिक इंजीनियरिंग, कृषि-व्यवसाय, पर्यावरण प्रबंधन, स्वचालन, प्रदूषण नियंत्रण, चिकित्सा अपशिष्ट आदि के क्षेत्रों में अनुसंधान तथा प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान करता रहा है । वर्ष 1958 में स्थापित, एनपीसी का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में सहायता करने हेतु सेवाओं की स्थिति प्रदान करने के लिए उत्पादकता में ज्ञान का पथ-प्रदर्शक बनना है ।
एनसीडीसी, जो अब नये गठित केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है विभिन्न योजनाओं के माध्यम से देश में सहकारिता आंदोलन के विकास के लिए काम करता है। सहकारिताओं को बढ़ावा देने के लिए एनसीडीसी विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी विकास कार्यक्रमों की योजना, समन्वय तथा वित्तपोषण का काम करता है । वर्ष 1963 में स्थापित एनसीडीसी ने अब तक लगभग दो लाख करोड़ रुपये की विभिन्न सहकारी पहलों को
वित्तपोषित किया है।