नई दिल्ली
मछली पालन से जुडे उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए मौजूदा बाजार परिस्थिति के अनुसार एनसीडीसी द्वारा लिनाक गुड़गांव में प्रस्तावित मत्स्यपालन बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर ( लिफिक) स्टार्ट-अप का उद्घाटन केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा 16 नवंबर को गुरुग्राम, हरियाणा में किया जाएगा। इस समारोह में मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन भी उपस्थित रहेंगे।
रूपाला ने गुरुग्राम में लिनाक परिसर से शुरू की जा रही अनूठी पहल के बारे में यह कहा कि इस तरह के मत्स्य पालन बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर केन्द्र सरकार द्वारा जल्द ही देश भर में बनाए जाएंगे, जैसा कि पिछले साल शुरू की गई केंद्रीय फ्लैगशिप योजना प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) के तहत नीली क्रांति लाने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से कल्पना की थी।
डॉ. मुरुगन ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और आविष्कार को बढ़ावा देकर विश्व मत्स्य पालन मानचित्र में एक प्रमुख स्थान के रूप में उभरने के लिए कार्य कर रहा है। नवाचार और स्टार्ट-अप में तेजी लाने के लिए इस इन्क्युबेशन केंद्र की स्थापना से मैं बहुत खुश हूं।
एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक ने कहा कि यह अनूठी पहल मुख्य रूप से उद्यमशीलता के विचारों को बिजनेस मॉडल में बदलने पर ध्यान केंद्रित करेगी और फिर बिजनेस ऑपरेशंस के लॉन्च का समर्थन करेगी। लिफिक इस क्षेत्र मेंनस्थायी राजस्व सृजन और व्यवसाय संचालन के उद्देश्य से बाजार की असीमित गतिशीलता पर ध्यान देते हुए उद्यमों को भी संभालेगा।
सबसे पहले, एनसीडीसी ने चार राज्यों से लिफिक के लिए दस इनक्यूबेट्स के पहले बैच की पहचान की है। उनमें से 6 पीएमएमएसवाई के तहत वित्तीय दिग्गज के समर्थन से नव निर्मित मछली किसान उत्पादक संगठनों से हैं। मत्स्य व्यवसाय में दिखाई गई उनकी गहरी उद्यमशीलता की रुचि के आधार पर इनक्यूबेटी चयनित होते हैं। “
वास्तव में पीएमएमएसवाई के तहत मत्स्य पालन केंद्र (एफआईसी) युवा पेशेवरों, उद्यमियों, सहकारी समितियों, संघों,प्रगतिशील मछली किसानों, मत्स्य पालन आधारित उद्योगों और अन्य संस्थाओं को प्रासंगिक इन्क्यूबेशन सहयोग करेगें जिससे उनके नवाचारों और नवीन विचारों को प्रदर्शित और व्यवसायीकरण किया जा सके।