किसानों को उन्नत गणुवत्ता और अधिक उपज देने वाले बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पिछले साल सहकारिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में गठित भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) ने पांच साल में 15 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। समिति की द्वितीय वार्षिक आम सभा का आयोजन शनिवार को इफको मुख्यालय में किया गया।
बीबीएसएसएल के अध्यक्ष तथा इफको के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी प्रवर्तक संस्थाओं और सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चर्चा के उपरांत पांचवें वित्तीय वर्ष के अंत में 15 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर का अनुमान लगाया गया है। बीज उत्पादन के लिए प्रदेशों में कार्यरत सहकारी संस्थाओं से वार्ता कर प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही समिति अपने बीजों के विक्रय हेतु राज्य सरकारों से सम्पर्क कर निविदाओं में सम्मिलित होने का प्रयास कर रही है।
पांचों प्रवर्तक संस्थाओं (इफको, कृभको, नाफेड, एनसीडीसी एवं एनडीडीबी) से एक-एक प्रतिनिधि को चुन कर अंतरिम बोर्ड का गठन हुआ। नियमित बोर्ड का गठन जुलाई 2023 में हुआ और बोर्ड के सदस्यों के चुनाव के बाद योगेंद्र कुमार को सर्वसम्मति से बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया।
योगेंद्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने भारतीय बीज सहकारी समिति को दालों व तिलहन फसलों में बीजों के वितरण हेतु नोडल संस्थाओं में शामिल कर लिया है। वर्ष 2023-24 की रबी फसलों के बीज उत्पादन हेतु चार राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात में 78 बीज उत्पादकों के प्रक्षेत्रों में लगभग 1100 एकड़ क्षेत्र में गेंहू, चना, सरसों एवं मटर फसलों के आधारीय बीजों का उत्पादन कराया गया है। इन्हें आने वाले वर्ष की रबी फसलों के प्रमाणित बीज उत्पादन में प्रयोग किया जाएगा।
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष के शुरुआत से ही सदस्यता अभियान की शुरूआत कर दी थी। कुल 11759 आवेदकों के शेयर प्रमाण पत्र जारी किया जाना प्रस्तावित है, तथा 14 आवेदकों के आवेदन वापस कर दिए गए है। योगेंद्र कुमार ने सभी समितियों से निवेदन किया की वह शीघ्र-अतिशीघ्र अपने पंजीकरण कर लें। किसान ऐप के माध्यम से भी पंजीकरण कर सकते हैं।
सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड उन्नत एवं पारम्परिक बीजों के उत्पादन एवं वितरण का प्रयास करेगी। समिति के स्वयं के उत्पादित बीजों का व्यवसाय रबी 2025-26 से प्रारंभ हो जाएगा। जिसके लिए कई राज्यों की संस्थाओं के साथ व्यवसायिक समझौते भी किए जा रहे।
कार्यक्रम में डीके वर्मा, निदेशक सहकारिता, कपिल मीना, निदेशक सहकारिता भारत सरकार, डॉ आरके यादव, संयोजक मण्डल, बीबीएसएसएल, चेतन जोशी, प्रबंध निदेशक, बीबीएसएसएल, दिनेश कुमार, उप-निदेशक, एनसीडीसी एवं बाल्मीकि त्रिपाठी, आद्यक्ष यूपीपीसीएफ कार्यक्रम में उपस्थित रहे एवं अन्य गणमान्य व्यक्तिगन एवं सहकारी बंधु ऑनलाइन रूप से जुड़े रहे। आम सभा को हाइब्रिड रूप से आयोजित किया गया, जिसमें 7000 से अधिक किसान एवं सदस्य विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।