इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) को दुनिया के 300 प्रमुख कोऑपरेटिव में पहला स्थान मिला है। यह रैंकिंग इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (आईसीए) की तरफ से जारी 11वें सालाना वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर (डब्लूसीएम) में दी गई है। यह रैंकिंग टर्नओवर और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात के आधार पर तैयार की गई है। इससे पता चलता है कि इफको देश की जीडीपी और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। वैश्विक सहकारिता आंदोलन में इफको की यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन सहकार से समृद्धि से प्रेरित है जिसका नेतृत्व केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह कर रहे हैं।
टर्नओवर और प्रति व्यक्ति जीडीपी के अनुपात के आधार पर जो शीर्ष 300 कोऑपरेटिव कि रैंकिंग की गई है उसमें इफको के बाद दूसरे स्थान पर गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) यानी अमूल है। तीसरे स्थान पर फ्रेंच ग्रुपे क्रेडिट एग्रिकोल है।
करीब 36000 सदस्य कोऑपरेटिव वाला इफको दुनिया के सबसे बड़े कोऑपरेटिव संस्थानों में सर्वोच्च स्थान रखता है। हाल ही इसने दुनिया का पहला नैनो फर्टिलाइजर इफको नैनो यूरिया लिक्विड तैयार किया है। इसका मकसद रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल कम करना और फसल की उत्पादकता को बढ़ाना है। यह टिकाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आईसीए और यूरोपियन रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइज ने वर्ल्ड कॉपरेटिव मॉनिटर के इस साल का संस्करण गुरुवार को एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में जारी किया। इसमें दुनिया के शीर्ष 300 कोऑपरेटिव की रैंकिंग की गई है। साथ में मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने में कोऑपरेटिव के योगदान का विश्लेषण भी किया गया है।
इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ यू एस अवस्थी ने कहा, यह इफको और अन्य कोऑपरेटिव के लिए गर्व का समय है। यह भारत के सहकारिता आंदोलन के बड़ी उपलब्धि है। इफको के चेयरमैन दिलीप संघाणी ने कहा कि हम हमेशा देश के किसानों के विकास और भारतीय कोऑपरेटिव आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इनोवेशन और डिजिटाइजेशन में विश्वास रखते हैं क्योंकि यह सफलता की कुंजी है। मैं इफको के सभी सदस्यों और देश के समस्त कोऑपरेटिव जगत को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।
सिर्फ टर्नओवर के आधार पर की गई रैंकिंग में दो फाइनेंशियल और एक कमर्शियल एंटरप्राइज है। पिछले साल की तरह फ्रेंच ग्रुपे क्रेडिट एग्रिकोल (2020 में टर्नओवर 88.7 अरब डॉलर) और जर्मन कोऑपरेटिव आरईडब्ल्यूई (77.93 अरब डॉलर) शीर्ष पर हैं। तीसरे स्थान पर जर्मन कोऑपरेटिव फाइनेंशियल नेटवर्क बीवीआर (58.02 अरब डॉलर) है। शीर्ष 300 उपक्रमों में ज्यादातर औद्योगिक देशों के हैं। इनमें अमेरिका के 71, फ्रांस के 42, जर्मनी के 71 और जापान के 22 उपक्रम हैं।
आईसीए को दुनिया के कोऑपरेटिव की आवाज माना जाता है। यह 110 देशों के 315 से अधिक कोऑपरेटिव फेडरेशन और संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में है। उसके चार क्षेत्रीय कार्यालय यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया प्रशांत देशों में हैं। इसके अधीन 8 सेक्टर ऑर्गेनाइजेशन हैं। इनमें बैंकिंग, कृषि, फिशरीज, बीमा, स्वास्थ्य, हाउसिंग, कंज्यूमर कोऑपरेटिव और सर्विस तथा इंडस्ट्री कोऑपरेटिव शामिल हैं। आईसीए एक नॉनप्रॉफिट अंतरराष्ट्रीय एसोसिएशन है। इसकी स्थापना 1895 में हुई थी।