दुनिया के सबसे बड़े उर्वरक सहकारी संगठन इफको लिमिटेड ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके क्रांतिकारी नैनो प्रौद्योगिकी आधारित उर्वरक इफको नैनो यूरिया और इफको नैनो डीएपी का पेटेंट इसे मिल गया है। इफको ने भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लिए 20 वर्षों का पेटेंट प्राप्त किया है। कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह आत्मानिर्भर भारत और आत्मानिर्भर कृषि का एक सही उदाहरण है। यह सहकार से समृद्धि के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
इफको के एमडी, डॉ. यू.एस. अवस्थी ने ट्वीट किया, “इफको नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की यह बौद्धिक संपदा कृषि के लिए इनपुट लागत को कम करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करेगी।”
नैनो यूरिया और नैनो डीएपी अगली पीढ़ी के उर्वरक हैं जो किसानों और पर्यावरण को लाभ पहुंचा रहे हैं। ये उत्पाद मिट्टी, वायु और जल प्रदूषण को कम करने में सहायक होंगे। गुणवत्तापूर्ण फसलों के उत्पादन के लिए इनकी बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है, साथ ही साथ मिट्टी को भी स्वस्थ रखते हैं। यह मिट्टी को रसायनों के अत्यधिक इस्तेमाल से भी बचाने का एक प्रयास है।