राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) एवं लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) द्वारा दो दिवसीय एफपीओ मेला का आयोजन 19-20 अक्टूबर को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के मुख्यालय नई दिल्ली में किया गया l मेला का उद्घाटन कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव फैज अहमद किदवई ने किया। इस मौके पर लघु कृषक कृषि व्यापार संघ के प्रबंध निदेशक, एनसीडीसी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य निधेशक भी मौजूद थे।
मेले में देश के प्रमुख किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने भाग लिया। इस मेले में 40 से अधिक एफपीओ ने एक से बढ़कर एक उत्पादों की प्रदर्शनी की। किसान उत्पादक संगठन किसानों का एक समूह होता है जो अपने क्षेत्र में फसल उत्पादन से लेकर खेती-किसानी से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियां चलाता है। एफपीओ तैयार फसल एवं उसकी प्रोसेसिंग करके उत्पाद को मार्केट में बेचते हैं| इससे FPO से जुड़े किसानों की आर्थिक अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलती है। मेले के दौरान बाजारों तक किसानों की पहुंच आसान बनाने के क्रम में सभी एफपीओ को ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर शामिल किया गया है।
मेले में किसान उत्पादक संगठनों द्वारा तैयार सामान जैसे, सरसों तेल, मूंगफली का तेल, मूंगफली का मक्खन, आंवला मुरब्बा, बासमती चावल, मशरूम, मसाले, चना दाल, मूंग दाल, रागी बिस्कुट, बाजरा नमकीन, बाजरा लड्डू, बाजरा बिस्कुट, बेसन, सत्तू, घी, शहद, कटिया गेहूं दलिया, मल्टीग्रेन आटा, अचार, स्क्वैश (संतरा, आंवला), मंडुआ आटा, मसाले, काख्या, कच्चा मखाना, मखाना आटा, मखाना खीर मिक्स, मखाना वीटा, मखाना शिशु आहार पेश किया गया। इसके अलावा देसी चावल चुरा, बांस के उत्पाद (पेन होल्डर, दीवार की सजावट और बांस की लकड़ी की कला), बाजरा-खाखरा, मेथी रोटला, गुड़ रोटला, बहु बाजरा–खाखरा, आंवला कैंडी, लहसुन पाउडर, गुच्छे, लहसुन नमकीन, सेब, केसर, मिक्स ड्राई फ्रूट्स, अखरोट बादाम, सूखी खुबानी, लाल चावल, काला गेहूं, काला नमक चावल, कतरनी पोहा, कतरनी चावल आदि को भी प्रदर्शित किया गया। मेले में आए लोगों ने इन उत्पादों को खूब सराहा एवं खरीददारी भी की।
मेले के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की प्रतिक्रिया से सभी एफपीओ को नई पहचान मिलीl एक अनुमान के मुताबिक, भारत में अधिकांश लघु एंव सीमांत किसानों को उत्पादन और उत्पादन के बाद के काम जैसे टेक्नोलॉजी तक पहुंच, उचित कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण साजो-सामान, बीज उत्पादन, खेती की मशीनरी की इकाई, मूल्य वर्धित उत्पाद, प्रसंस्करण, कर्ज, निवेश और सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद के लिए बाजार में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार, एफपीओ के गठन के माध्यम से ऐसे उत्पादकों का सामूहिकीकरण द्वारा इन चुनौतियों का समाधान करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए अवसर प्रदान किया जा रहा है।