राष्टीय सहकारी विकास निगम ( एनसीडीसी) द्वारा लिनाक गुरुग्राम में देश का अपनी तरह के पहले 3.23 करोड़ की लागत वाले मत्स्य पालन बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर ( लिफिक) स्टार्ट-अप का उद्घाटन केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने किया। यह सेंटर मछली पालन से जुडे़ उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए मौजूदा बाजार परिस्थिति के अनुसार उनके बिजनेस को बढ़ाने में काफी मददगार होगा।
केंद्रीय मंत्री रूपाला ने कहा कि फिशरी के क्षेत्र में यह इनक्यूबेशन सेंटर मील के पत्थर के रूप में कार्य करेगा । इसके माध्यम से भविष्य में फिशरी क्षेत्र को और बड़ा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए पिछले साल शुरू की गई केन्द्र सरकार की प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मछली पालन करने वालों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
रूपाला ने कहा कि इनक्यूबेशन सेंटर पर मछली पालन करने वाले उद्यमी को ट्रेनिंग तथा उनके इन्टरप्रंयोर आइडिय़ा को सशक्त बिजनेस मॉडल में बदलने में पूरी सहायता करेगा। अगर कोई उद्यमी इस सेक्टर में बड़ा कार्य करना चाहता है तो सीड मनी को शेयर बांटने में भी मदद करेगी।
शुरूआत के लिए लिफिक की एक कार्यान्वयन एजेंसी एनसीडीसी ने चार राज्यों- बिहार, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से दस इनक्यूबेटस के पहले बैच की पहचान की है। इनमें से 6 नव-निर्मित मछली किसान उत्पादक संगठनों से हैं, जिन्हें पीएमएमएसवाईके तहत वित्तीय अनुदान का समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र की तरह मत्स्य पालन के लिए सहकारी सहकारी समितियां अभी तक नहीं हैं। लेकिन मात्स्यिकी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय को अलग मंत्रालय इस लिए बनाया गया कि विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों की स्थापना की जा सके। मत्स्य पालन सहित कृषि के अन्य सेक्टर को सहाकारिता से बढ़ावा मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी साझा किया कि साथ ही, इस दिशा में, हम जल्द ही किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के आधार पर मछुआरों और पशुधन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिए एक अभियान शुरू करेंगे।
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि मत्स्यपालन क्षेत्र सामान्य रूप से केवल व्यवसाय न करें बल्कि हितधारकों की आय को बढ़ाने में मदद करें । उन्होंने समिति के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधान मंत्री के मार्गदर्शन में मत्स्य पालन इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना सहित पहली बार उठाए गए विभिन्न नवीन कदमों को सूचीबद्ध किया ।
“मत्स्य पालन भारत में उन्नति करने वाला उद्योग है, जो वार्षिक रूप से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। माननीय प्रधान मंत्री ने वर्ष 2025 तक 22 मिलियन टन मछली उत्पादन और एक लाख करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा है। यह अगले चार वर्षों के भीतर हासिल करने के लिए एक बहुत लंबा लक्ष्य है, क्योंकि वर्तमान में मछली उत्पादन 130 लाख टन और निर्यात 46,000 करोड़ रुपये है ।
केंद्रीय मत्स्य सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा कि भारत में मत्स्य पालन के लिए इस पहले व्यवसायिक इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है। हमें स्टार्टअप्स के लिए बहुत सारे इनोवेशन को बढ़ावा देने, प्रोत्साहन देने और लक्ष्य हासिल करने के लिए मात्स्यिकी क्षेत्र में सहकारिताओं को प्रोत्साहित करने पर काम करने की जरूरत है।मत्स्य पालन क्षेत्र में कुल मिलाकर लगभग 30,000 सहकारिताएं हैं ।
एनसीडीसी के एमडी संदीप नायक ने लॉन्च किए गए नए केंद्र के बारे में कहा कि यह एक विशुद्ध रूप से व्यावसायिक केंद्र है और न कि केवल एक प्रौद्योगिकी केंद्र या एकसीलरेटर है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अनूठी पहल मुख्य रूप से उद्यमशीलता के विचारों को व्यावसायिक मॉडल में परिवर्तित करने पर केंद्रित होगी और फिर व्यवसाय संचालन की शुरुआत में सहयोग करेगी। लिफिक इस क्षेत्र में स्थायी राजस्व सृजन और व्यवसाय संचालन के उद्देश्य से बाजार की गतिशीलता के असंख्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्यमों को भी सहयोग प्रदान करेगा ।
एक महत्वपूर्ण इनपुट, क्रेडिट लिंकेज, सफल इन्क्यूबेटरों को प्रदान किया जा सकता है जो एनसीडीसी से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रूपाला ने लिनाक परिसर में सरदार पटेल सभागार का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम के अवसर पर पूर्व केंद्रीय मत्स्य सचिव डॉ राजीव रंजन, एरोमा मैजिक अध्यक्ष ब्लॉसम कोचर,एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी डॉ सी सुवर्णा, नेडैक बैंकॉक के निदेशक डॉ के.आर. सालिन और सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य उपस्थित थे।