प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को बहुउद्देशीय व्यावसायिक इकाइयों में तब्दील करने के लिए सरकार मॉडल ड्राफ्ट नियमों पर काम कर रही है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह बातें कही हैं। राज्य सरकारों, राष्ट्रीय सहकारी संघों और अन्य सभी हितधारकों के परामर्श से मॉडल और नियम तैयार किए जा रहे हैं। इन मॉडल निमयों में पैक्स के संचालन में व्यावसायिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए विभिन्न प्रावधान होंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि पैक्स सभी राज्य सहकारी कानूनों के तहत पंजीकृत और प्रशासित हो। यह बातें सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में कही।
सरकार सहकारी समितियों के लिए एक नई राष्ट्रीय स्तर की नीति भी तैयार की जा रही है। नई सहकारिता नीति पर 12 और 13 अप्रैल, 2022 को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता सचिवों / आरसीएस के साथ आयोजित किया गया था। जिसमें इससे संबंधित कानूनी ढांचा, नियामक, नीति और परिचालन बाधाओं की पहचान, व्यापार करने में आसानी, शासन को मजबूत करने के लिए सुधार, नई और सामाजिक सहकारी समितियों को बढ़ावा देना, निष्क्रिय लोगों को पुनर्जीवित करना है। सहकारी समितियों को जीवंत आर्थिक संस्था बनाना, सहकारी समितियों के बीच सहयोग और सहकारी समितियों की सदस्यता बढ़ाना सहित कई बिंदुओं पर चर्चा की गई।
देश के 63 हजार पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक केंद्र द्वारा एक योजना शुरु की गई है। जिससे वह अपने व्यवसायिक कार्यों के लिए डिजिटलीकरण और एंड-टू-एंड ऑटोमेशन में अधिक मदद मिल सके। इससे पैक्स के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और विश्वसनीयता बढ़ेगी और उन्हें विभिन्न सेवाओं के लिए ब्याज छूट स्कीम, पीएमएफबीवाई, डीबीटी के लिए नोडल सेवा प्वाइंट के जरिए उर्वरक, बीज जैसे इनपुट के वितरण में मदद करेंगी। यह अखिल भारतीय आईटी परियोजना और पैक्स द्वारा मॉडल उप-नियमों को अपनाने के माध्यम से कानूनी सुधार पैक्स के लिए जीवंत बहुउद्देश्यीय व्यावसायिक इकाई बनने के लिए सक्षम वातावरण तैयार करेंगे।