केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को नई दिल्ली में "एफपीओ के माध्यम से पैक्स को मजबूत करना" विषय पर एक दिवसीय मेगा कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे। कॉन्क्लेव का उद्देश्य किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना है।
इस कॉन्क्लेव में क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ देशभर के एफपीओ के सदस्य भी भाग लेंगे। इस मेगा कॉन्क्लेव का आयोजन केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल के साथ, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने और व्यापक समर्थन प्रदान करने की योजना के तहत पैक्स को मजबूत करने के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को सहायता देने के लिए सहकारी क्षेत्र में 1100 एफपीओ बनाने और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए एनसीडीसी को अतिरिक्त ब्लॉक आवंटित किए हैं।
एफपीओ योजना के तहत प्रत्येक एफपीओ को 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। जबकि एफपीओ को प्रोत्साहन देने और सहायता करने के लिए क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों (सीबीबीओ) को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये दिए जाते हैं। एफपीओ खेती को टिकाऊ बनाने, आजीविका को बढ़ावा देने और कृषि पर निर्भर लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये छोटे और सीमांत किसानों/उत्पादकों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत दिलाने, परिवहन लागत कम करने और पूर्ण उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
सरकार एफफीओ योजना में पैक्स के एकीकरण पर जोर दे रही है जिससे किसान अपनी व्यावसायिक गतिविधियों का दायरा, उत्पादन इनपुट की आपूर्ति, कल्टीवेटर, टिलर, हार्वेस्टर आदि जैसे कृषि उपकरण और प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन, जिसमें सफाई, परख, छंटाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, भंडारण, परिवहन आदि शामिल हैं, जैसी गतिविधियों के विस्तार से बढ़ाने में सक्षम हो सकें।
एनसीडीसी सहकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक संगठन है, जिसे उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने और फसल कटाई के बाद की सुविधाएं प्रदान करने के लिए सहकारी समितियों के लिए योजना बनाने, उन्हें बढ़ावा देने और उनका वित्त पोषण करने का अधिकार है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान एनसीडीसी ने कृषि प्रसंस्करण, सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण, सेवा, ऋण, युवा सहकारी समितियों और कमजोर वर्गों सहित विभिन्न क्षेत्रों में 41,031.39 करोड़ रुपये का वितरण किया है।