केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार नई दिल्ली में गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल पर सहकारिताओं की ऑनबोर्डिंग को ई-लॉन्च किया। भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय,भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) और जेम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय सहकारिता एवं उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास राज्य मंत्री बी एल वर्मा और एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी भी इस मौके पर उपस्थित थे।
इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि आज सहकारिता के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, आज देशभर की सभी सहकारी समितियों के लिए GeM के दरवाजे खुल गए हैं। सहकारिता क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र के विस्तार के लिए GeM पोर्टल एक बहुत उपयोगी प्लेटफार्म सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी समितियों के लिए ढेर सारे उपाय किए हैं और पिछले एक साल में मंत्रालय ने 25 से 30 इनिशिएटिव पर लगातार समांतर रूप से काम कर रहा है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स से लेकर अपैक्स तक एक हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ सहकारिता नीति भी बनाई जा रही है, सरकार को सहकारिता का विस्तार करना है लेकिन इसका कोई डेटाबेस ही नहीं है इसलिए मंत्रालय सभी प्रकार की सहकारी समितियों का एक राष्ट्रस्तर का डेटाबेस भी बना रहा है। देश के 60 करोड लोग ऐसे थे जिनका पूरा दिन दो वक्त के खाने और अन्य रोज़मर्रा की चीजों का इंतजाम करने की चिंता में ही बीत जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गरीबों के बैंक अकाउंट, गैस सिलेंडर, शौचालय, बिजली, शुद्ध पीने का पानी और मुफ्त अनाज देकर उनकी प्राथमिक जरूरतों को पूरा कर इन 60 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को जीवित किया है, और सहकारिता में ही इन सभी आकांक्षाओं को पूरा करने की संभावनाएं है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता का मॉडल ही एक ऐसा मॉडल है जिसमें कम पूंजी के साथ भी लोग एक साथ आकर बड़े से बड़े काम को सरलता से कर सकते हैं। कोई भी व्यवस्था समय के साथ खुद को नहीं बदलती तो वह कालबाह्य हो जाती है, सहकारिता क्षेत्र के विस्तार के लिए इसमें सुधार करना आवश्यक है। सहकारिता यूनिवर्सिटी की स्थापना का काम भी आगे बढ़ा है, इससे नए प्रोफेशनल तैयार होंगे और सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले लोगों और नए कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। एक एक्सपोर्ट हाउस भी रजिस्टर किया जा रहा है जो दिसंबर तक हो पूरा जाएगा, यह देश भर के कोऑपरेटिव को एक्सपोर्ट करने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करेगा
अमित शाह ने कहा कि अब सहकारिता क्षेत्र के साथ कोई दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं कर सकता परंतु हमें भी बदलाव की शुरुआत करनी पड़ेगी, पारदर्शिता की दिशा में आगे जाना होगा और अपने आप को तैयार करना पड़ेगा। सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए GeM पोर्टल बहुत उपयोगी साबित होगा, और पारदर्शिता होगी तभी किसानों व दुग्ध उत्पादकों का भरोसा भी समितियों और उनके सदस्यों पर बढेगा। GeM पोर्टल लाकर मोदी जी ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने का काम किया है, एक नई व्यवस्था है, शुरुआत में कुछ प्रशासकीय समस्याएं आ सकती है लेकिन इसके इरादे पर किसी को शंका नहीं होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि 5 वर्षों में पारदर्शिता से सरकारी खरीद का यह सफल मॉडल पूरी दुनिया देखेगी। आज GeM का जो विस्तार हुआ है वह अकल्पनीय है, GeM पर करीब 62000 सरकारी खरीदार उपलब्ध हैं और लगभग 49 लाख विक्रेता पंजीकृत हैं। साथ ही लगभग 10,000 से ज्यादा उत्पाद और 288 से ज्यादा सर्विसेज सूचीबद्ध हो चुकी हैं, अब तक 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपये का व्यापार भी पूरा हो चुका है जोकि GeM की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि लगभग 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर में जोड़ी जाने वाली समितियों में 589 राज्य सरकार की थी और आज तक उनमें से 289 समितियां जुड़ चुकी है, साथ ही 54 मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव में से 45 जुड़ चुके हैं ,यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आज जेम का जो विस्तार हुआ है वह अकल्पनीय है, जेम पर करीब 62000 सरकारी खरीदार उपलब्ध हैं और लगभग 49 लाख विक्रेता पंजीकृत हैं। साथ ही लगभग 10,000 से ज्यादा उत्पाद और 288 से ज्यादा सर्विसेज सूचीबद्ध हो चुकी हैं। अब तक 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपये का व्यापार भी पूरा हो चुका है जोकि जेम की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। शाह ने कहा कि आज हमारे देश के लिए एक पवित्र दिन है, आज ही के दिन भारत छोड़ो आंदोलन हुआ था, 6 साल पहले आज ही के दिन जेम की शुरुआत हुई और आज जेम पर सहकारिताओं की ऑनबोर्डिंग शुरू हुई है। इसके लिए सहकारिता से जुड़े सभी लोगों,जेम की पूरी टीम और सभी 8 लाख सहकारी समितियों और विशेषकर पीयूष गोयल जी को बहुत बहुत बधाई।