15 अगस्त को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) लॉन्च की। यह प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित है, जो किसानों को कीट नियंत्रण और फसल सुरक्षा में मदद करने के लिए विशेषज्ञों से जोड़ने का काम करती है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की इस डिजिटल पहल का उद्देश्य किसानों को कीट प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम बनाना है, जिससे उन्हें कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने और फसल की गुणवत्ता सुधारने में सहायता मिलेगी।
कैसे कमा करेगी राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली
एनपीएसएस एक एआई आधारित प्लेटफार्म है, जिसमें मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल शामिल हैं। इस प्रणाली के जरिए किसानों को कीट प्रबंधन में त्वरित और सटीक सलाह मिलती है। यह किसानों को उनकी फसलों में कीट संक्रमण का पता लगाने और समय रहते उपाय करने में मदद करती है। एनपीएसएस के माध्यम से किसान अपनी फसलों या कीटों की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं, जिसे विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषित किया जाता है, और फिर किसानों को समय पर समाधान प्रदान किया जाता है। फिलहाल 61 फसलों को इससे जोड़ा गया है, आगे इसमें और फसलों को भी जोड़ा जाएगा। इस प्रणाली के जरिए किसानों को 95 फीसदी तक सही सलाह मिलेगी।
किसानों के लिए एनपीएसएस के फायदे
कृषि मंत्रालय के अनुसार, एनपीएसएस किसानों को फसल नुकसान से बचाने में मदद करेगा, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस प्रणाली द्वारा एकत्रित डेटा और एआई आधारित सलाह किसानों को निर्णय लेने में मदद करेगी, जिससे वे कीटों से अपनी फसलों की रक्षा कर सकें। इसके अलावा, एनपीएसएस किसानों को कीटनाशक विक्रेताओं पर निर्भरता कम करने और वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करके टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।