भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा शहरी लोगों को अपने घरों में हेल्दी फल सब्जियां उगाने के लिए औऱ अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। आज के समय में बेतहाशा पैसा खर्च करने के बाद भी भोजन में शुद्धता की गारंटी नही होती है। इन सब चीजों से निजात पाने के लिए 'शहरी खेती' यानी अर्बन खेती की अवधारणा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को त्यागराज स्टेडियम में दो दिवसीय स्मार्ट अर्बन फार्मिंग एक्सपो का उद्घाटन किया। दिल्ली संचार और विकास आयोग (डीडीसी) अर्बन ग्रो, इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स (आई एस ए ई) और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आई ए आर आई ) के सहयोग से एक्सपो का आयोजन कर रहा है।
इस संबध में रूरल वॉयस के साथ एक बातचीत में आईएआरआई के सेंटर फॉर प्रोटेक्टेड टेक्नोलॉजी (सीपीसीटी) के प्रिंसपल साइंसिस्ट डॉ. मुर्तजा हसन ने कहा कि हमारा संस्थान आज भी लोगों को अपने घरों में हेल्दी फल सब्जियां उगाने के लिए औऱ अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। आज के समय में बेतहाशा पैसा खर्च करने के बाद भी भोजन में शुद्धता की गारंटी नही होती है। इन्हीं सब चीजों से निजात पाने के लिए 'शहरी खेती' यानी अर्बन खेती की अवधारणा को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी विचार के साथ छतों, बालकनियों, दीवारों तथा अन्य स्थानों पर छोटे-छोटे बक्सों, गमलों और हाइड्रोपोनिक तरीके से जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। इससे छोटे परिवार को रोजाना सब्जी, फल आदि की जरूरत होती है। इससे आसानी से पूरी किया जा सकता है और साथ इस तरह शहरी लोग भी अपनी छत या बालकनी पर मल्टीलेयर तरीके से उगाकर सब्जियों की उत्पादन कर हरियाली का लाभ ले सकते हैं। अपने घर की छत का इस्तेमाल टैरेस फार्मिंग के लिए भी कर सकते हैं। जिस पर आप कई तरह की सब्जियों और फूलों की खेती कर सकते हैं। जैसे- टमाटर, नींबू, एलोवेरा, गेंदा, हरी मिर्च, गुलाब आदि। वही वर्टिकल खेती में यह खेती घर की दीवारों पर आसानी से की जा सकती है। इसके तहत आप बेल की सब्जियां या फूल उगा सकते हैं जैसे - लौकी, तोरई, कद्दू, टिंडा, करेला और खीरा उगा सकते है
उन्होंने कहा कि एक्सपो में शहरी खेती, संबंधित तकनीकी (बागवानी-इंजीनियरिंग), सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं और सत्रों में नवाचार शामिल हैं। अर्बन फार्मिंग को अपनाने के लिए भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी समय की जरुरत होती है।