ड्रोन से फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए सरकार ने एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रियाएं) जारी कर दिया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को इसे जारी किया। कृषि क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलॉजी को सरकार ने स्वीकार किया है। पिछली बार जब टिड्डी का प्रकोप हुआ था तो उस समय ड्रोन के उपयोग की जरूरत महसूस की गई थी। तभी से केंद्र सरकार के पूरे समर्थन के साथ ड्रोन तकनीक हमारे सामने है। कृषि में लागत कम करने व कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से शरीर को बचाने में ड्रोन का व्यापक लाभ मिलेगा।
एसओपी जारी करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हमेशा नई चुनौतियों की संभावनाएं रहती है। इसलिए समय-समय पर सोच में बदलाव के साथ ही विधाओं का परिवर्तन जरूरी है। आने वाले कल में तकनीक का समर्थन किए बिना हम उद्देश्य प्राप्त नहीं कर पाएंगे, इसलिए योजनाओं को तकनीक से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब ड्रोन की स्कीम बन रही थी तब सामान्य किसान, सामान्य ग्रेजुएट को भी इसमें जोड़ा गया ताकि छोटे किसान भी ड्रोन का इस्तेमाल कर सकें। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को और सक्षम बनाने की दृष्टि से कार्य करने की जरूरत पर उन्होंने जोर दिया। उन्होंने कहा कि आम लोगों का ड्रोन का लभा पहुंचे, इसकी योजना बनानी चाहिए।
सरकार ड्रोन खरीदने के लिए किसानों को 40-50 फीसदी तक सब्सिडी देती है। जबकि एफपीओ को 75 फीसदी सब्सिडी मिलती है। एसओपी जारी करने के मौके पर कृषि सचिव मनोज अहूजा, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिलक्ष लिखी, कृषि आयुक्त पीके सिंह, ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया, आईसीएआर, एसएयू व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी-वैज्ञानिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारी, एफएमटीटीआई के निदेशक व किसान मौजूद थे।