देश के किसानों को कोई भी फसल उपजाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी उनके सामने अत्यधिक या कम ठंड, गर्मी, बारिश और हवा की समस्या होती है तो कभी उनकी फसल पर कीटों का हमला होता है। कीटों के हमले से अभी किसानों की औसतन 15 फ़ीसदी फसल को नुकसान पहुंचता है। जलवायु परिवर्तन से पौधों में कीटों के प्रति लड़ने की क्षमता कम होने पर आने वाले दिनों में यह नुकसान और बढ़ सकता है। इस नुकसान को कुछ हद तक तो पारंपरिक पॉलीहाउस से कम किया जा सकता है। पारंपरिक पॉलीहाउस में एक स्थाई छत होती है जो मौसम की मार और कीटों से फसल को बचाती है। लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। जैसे स्थाई छत से उसके नीचे गर्मी बहुत अधिक हो जाती है। सुबह के समय पौधों को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती। इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड पर्याप्त ना मिलने जैसी समस्याएं भी होती हैं। रिट्रेक्टेबल रूफ पॉलीहाउस इसका समाधान है
सीएसआईआर-सीएमईआरआई के डायरेक्टर डॉ हरीश हिरानी ने बताया कि लुधियाना स्थित सीएमईआरआई एक्सटेंशन सेंटर ने एक रिट्रेक्टेबल पॉलीहाउस टेक्नोलॉजी विकसित की है। इसका इस्तेमाल हर मौसम में किया जा सकता है। मौसम के हिसाब से इसकी छत को हटाया या लगाया जा सकता है। इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसान मौसमी और गैर मौसमी दोनों तरह की फसलें उगा सकते हैं। आईसीएआर लुधियाना के डायरेक्टर डॉ नचिकेत कोतवालीवाले ने इस पॉलीहाउस का उद्घाटन किया। इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाली रिसर्च टीम के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक जगदीश मानिकराव ने बताया कि रिट्रेक्टेबल रूफ का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से सूरज की रोशनी लाने, नमी और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बरकरार रखने तथा मिट्टी का तापमान बनाए रखना में किया जा सकता है।
रिट्रेक्टेबल रूफ पॉलीहाउस की छत को पूरे या आंशिक तौर पर खोला और बंद किया जा सकता है। मौसम फसल के अनुकूल होने पर किसान इसकी छत को हटा सकते हैं और जब फसल को सुरक्षा की जरूरत हो तब उसे बंद कर सकते हैं। इस पॉलीहाउस में खीरा, टमाटर, बंद गोभी, फूलगोभी, कैप्सिकम, ब्रोकोली, धनियापालक जैसी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इसके अलावा ऑर्किड जैसे फूल भी इसमें उगाए जा सकते हैं।
रिट्रेक्टेबल पॉलीहाउस में उगाई गई फसलों की शेल्फ लाइफ पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक होती है। इसमें उपज भी बेहतर और अधिक होती है। पॉलीहाउस के नीचे तापमान अधिक होता है इसलिए सर्दियों में जब बाहर रात में तापमान बहुत कम हो जाता है तो ठंड से फसल को बचाया जा सकता है। इसमें कीड़े लगने की संभावना कम होती है इसलिए किसानों को कीटनाशकों का इस्तेमाल भी कम करना पड़ता है और उनकी लागत घटती है। तकनीक के इस्तेमाल के हिसाब से रिट्रेक्टेबल रूफ पॉलीहाउस लगाने का खर्च प्रति वर्ग मीटर 1500 से 3000 रुपए आता है।