एग्रीटेक वेंचर कैपिटल फर्म ओमनीवोर ने 1000 करोड़ रुपए का फंड लॉन्च करने की घोषणा की है। यह इस वेंचर कैपिटल का तीसरा फंड है। इसका इस्तेमाल शुरुआती चरण के ऐसे स्टार्टअप में निवेश के लिए किया जाएगा जो कृषि, खाद्य, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित करने का काम कर रहे हैं। आमतौर पर ओमनीवोर सीड, प्री सीरीज ए, सीरीज ए राउंड तथा फॉलोऑन कैपिटल के रूप में स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करती है।
ओमनीवोर की स्थापना 2010 में जिनेश शाह और मार्क काह्न ने की थी। एक दशक से भी ज्यादा समय में इस वेंचर कैपिटल फर्म ने एग्रीटेक क्षेत्र में निवेश करने में महारत हासिल की है। अभी तक यह 35 से ज्यादा स्टार्टअप में निवेश कर चुकी है जो कृषि को अधिक फायदेमंद, टिकाऊ और जलवायु से बेअसर बनाने की प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं। नए फंड की क्लोजिंग जून 2023 में होने की उम्मीद है। इसके जरिए अगले 4 वर्षों में 25 से 30 नए में निवेश करने का लक्ष्य है।
ओमनीवोर फंड 3 का खासतौर से कृषि में जलवायु के प्रभाव पर फोकस करने वाले स्टार्टअप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे स्टार्टअप की भी मदद की जाएगी जो भारत में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने तथा भारतीय किसानों के सुखद भविष्य के लिए नई टेक्नोलॉजी पर काम करेंगे। इसी दिशा में काम करते हुए ओमनीवोर ने इस साल शुरुआत में ओमनी एक्स बायो पहल आरंभ किया था, जिसका मकसद एग्री फूड लाइफ साइंस स्टार्टअप, खेती के नए तरीके, बायो एनर्जी और बायोमैटेरियल, वैकल्पिक प्रोटीन समेत इनोवेटिव फूड जैसे क्षेत्र में निवेश करना था। नए फंड के जरिए ओमनीवोर का लक्ष्य ओमनी एक्स बायो पहल की पहुंच और असर को बढ़ाना तथा भारत में एग्री फूड लाइफ साइंस इकोसिस्टम पर नए सिरे से फोकस करना है।
वेंचर कैपिटल फर्म के मैनेजिंग पार्टनर मार्क काह्न ने कहा, ओमनीवोर के निवेश के जरिए हम लगभग 70 लाख छोटे किसानों तक पहुंच चुके हैं। हमने उनके लिए खेती को अधिक मुनाफे का बनाया तो अपने निवेशकों के लिए वैल्यू भी क्रिएट किया है।
अभी ओमनीवोर दो फंड के जरिए 936 करोड़ रुपए के फंड का मैनेजमेंट करती है। पिछला फंड अप्रैल 2019 में बंद हुआ था। ओमनीवोर के पोर्टफोलियो में देहात, आर्य, रेशामंडी, स्टेलएप्स, एगनेक्स्ट, बीजक, ईको, अग्रिम, पिक्सेल और एनिमॉल जैसी कंपनियां शामिल हैं।