सिंचाई के लिए स्मार्ट सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली नेटाफिम इंडिया ने तूफान ड्रिपलाइन को बाज़ार में उतारा है। कंपनी का दावा है कि यह सिंचाई की बिल्कुल नई और इनोवेटिव तकनीक है जो सभी किसानों के लिए खेती को और बेहतर बनाएगी। कंपनी ने इसके जरिये वर्ष 2025 तक पूरे देश में 25,000 हेक्टेयर भूमि को कवर करने और 35,000 किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, ताकि सस्टेनेबल फार्मिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाया जा सके।
इस इनोवेटिव सिस्टम को एंटी-क्लॉगिंग टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है, जो पानी के साथ-साथ न्यूट्रिएंट्स को खेतों में हर जगह पहुंचाने में बेहद कारगर है। इसकी ड्रिप लाइन बहुत ज्यादा लचीली है और 40% अधिक मजबूत है। फिलहाल भारतीय बाज़ार में उपलब्ध मध्यम दीवार वाली नॉन-प्रेशर कम्पन्सेटेड (NPC) ड्रिप लाइनों की तुलना में नेटाफिम इंडिया का तूफान 20% ज्यादा किफायती है।
बेहद किफायती ड्रिप टेक्नोलॉजी अब बड़ी से लेकर छोटी जोत वाले सभी स्तर के किसानों के लिए उपलब्ध है, जिसका सब्सिडी की पात्रता से कोई संबंध नहीं है । इसकी ड्रिप लाइन को इस तरह तैयार किया गया है, जिसे बड़ी आसानी से और तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है ताकि किसान एक ही दिन में 10 एकड़ तक जमीन को कवर कर सकें।
नेटाफिम इंडिया के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे डिजिटली लॉन्च किया गया जिसमें किसानों और डीलरों ने भाग लिया। नेटाफिम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और नेटाफिम लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रणधीर चौहान ने इस वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान इसे लॉन्च किया। तूफान ड्रिपलाइन को कृषि क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव लाने वाली टर्बुनेक्स्ट (TurbuNext™) टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है, जो बेहद किफायती विकल्प है और बहुत अधिक टिकाऊ भी है। इससे किसानों को फसल की बेहतर उपज हासिल करने में मदद मिलती है। समतल जमीन पर कतार में उगाई जाने वाली किसी भी फसल के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस मौके पर रणधीर चौहान ने कहा, "नेटाफिम इंडिया ने किसानों को बेहद किफायती और प्रदर्शन के मामले में अव्वल दर्जे का माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, जो एकसमान पैदावार सुनिश्चित करने के साथ-साथ खेती की लागत को कम करने में भी मददगार हो। किसानों की भलाई को ध्यान में रखने वाले एंथ्रोपॉलजिस्ट होने के नाते हम भारतीय खेती के हर पहलू को अच्छी तरह समझते हैं और हमारे किसानों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने वाले समाधान तैयार करने के लिए लगातार काम करते हैं। हमें भारतीय खेती की विकास की कहानी का हिस्सा बनने पर गर्व है। साथ ही हम ऐसे इनोवेशन की पेशकश करने के इरादे पर अटल हैं जो किसानों के जीवन में बदलाव ला सके। हमें क्लॉग रेजिस्टेंट में एक नई मिसाल कायम करने और तूफान ड्रिपलाइन के ज़रिये खेती के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में योगदान देते हुए बेहद खुशी हो रही है।”
कंपनी ने एक बयान में कहा कि पानी की गुणवत्ता चाहे कैसी भी हो, तूफान बड़े फिल्ट्रेशन एरिया के साथ पानी के बहाव की दर को कम बनाता है, जिससे फसलों को लगातार पानी मिलता रहता है। टर्बुनेक्स्ट ड्रिपर का लैबरिन्थ मलबे को बाहर निकाल देता है, जिससे पानी के बहाव में किसी भी तरह की रुकावट नहीं होती है। यह दाँत के आकार की तरह एक अनोखे ज्योमेट्रिक स्ट्रक्चर को बनाए रखता है, जिससे पानी का बहाव अस्थिर बना रहता है। बहाव की दर कम होने से इसे काफी लंबाई में बिछाया जा सकता है। इसके लिए काफी कम संख्या में सब-मेन पाइप और कनेक्टर की जरूरत होती है। इससे सिस्टम और मजदूरी की लागत पर प्रति हेक्टेयर क्रमशः 20% और 25% की बचत होती है।