मध्य प्रदेश के मंडला शहर के दो किसानों ने सिंचाई मशीन का एक अलग ही रूप तैयार कर लिया. इस मशीन से खेतों में फसलों की सिंचाई बिना ईंधन और बिजली खर्च किए ही की जा सकती है। इन दोनों किसानों ने वो काम किया है जो दूसरे किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है यही वजह है कि इस मशीन को बेहद पंसद किया जा रहा है।
जागरण के मुताबिक मंडला जिले के एक छोटे से गांव अलीराजपुर में रहने वाले दो देहाती किसान जिसमे संयोग की बात यह है कि दोनों का नाम भी शिव कुमार धुर्वें है. जब भी खेतो में सिंचाई करने के लिए जाते तो अक्सर बिजली गुल हो जाती, जबकि डीजल की लागत ज्यादा रहती थी. ऐसे में दोनों ने सोचा कि वो खुद ही ऐसा कुछ करेंगे जो दूसरों के लिए भी काम आ जाए, बस फिर क्या था उन्होंने ऐसी मशीन बनाने के बारे में सोचा जिसमें बिजली और ईंधन की जरूरत ही न हो और दोनों मशीन बनाने में जुट गए।
दोनों किसानों ने बताया कि मशीन बनाने के लिए उन्होंने एक वॉटर व्हील खरीदा और उसे जरूरत के मुताबिक छोटे या बड़े गियर बॉक्स से जोड़ दिया. जिसके बाद उसे बीच नहर में रखा तो यह मशीन बहते हुए पानी की धारा से किसी इंजन मोटर की तरह तेज स्पीड में चक्कर बनाने लगी. जिससे इसमें करीब 30 हॉर्स पावर तक की ऊर्जा पैदा हुई और पानी पाइप के जरिए बाहर आने लगा. इस मशीन के तैयार होने के बाद इन्हें सिंचाई के लिए बिजली और डीजल की भी चिंता नही करनी पड़ती है।
50 से 60 हजार रुपए लागत
दोनों किसानों को यह मशीन बनाने के लिए महज 50 से 60 हजार रुपए का खर्चा ही आया. इस मशीन को देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. खास बात यह है कि मशीन का वजन भी इतना हल्का है कि उसे कहीं भी आसानी से उठाकर ले जा सकते हैं. जबकि बिना बिजली और ईंधन के चलने से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं हो रहा है।